रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में 22 से 24 नवंबर तक नॉर्थ ईस्ट जॉन इंटर यूनिवर्सिटी फ्रीस्टाइल ग्रीको रोमन फ्रीस्टाइल पुरुष कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है। इस आयोजन में नॉर्थ ईस्ट जोन की 47 यूनिवर्सिटिययों के 473 खिलाड़ी अपना दम दिखाएंगे।
पत्रकारों को जानकारी देते हुए महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के खेल निदेशक प्रोफेसर आर.पी. गर्ग ने बताया कि विश्वविद्यालय की तरफ से सभी खिलाड़ियों के लिए रहने-खाने की उचित व्यवस्था की गई है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर के टेक्निकल अधिकारी और रेफ्रियों को नियुक्त किया गया है। खिलाड़ियों का संदेह का निपटान करने के लिए कुश्ती हाल में रिव्यू की व्यवस्था भी की गई है। दूसरी तरफ चैंपियनशिप में भाग लेने वाले खिलाड़ियों ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की मेजबानी का की तारीफ की है।
जीतने वाले खिलाड़ी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में लेंगे भाग
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आयोजित की गई नॉर्थ ईस्ट जॉन इंटर यूनिवर्सिटी पुरुष फ्रीस्टाइल ग्रोको रोमन कुश्ती के आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के खेल विभाग के निदेशक प्रोफेसर आर.पी. गर्ग ने बताया कि इस प्रतियोगिता में नॉर्थ ईस्ट जोन की 47 यूनिवर्सिटी भाग ले रही है। जिसके 473 खिलाड़ी 24 तारीख तक अपना दम दिखाएंगे। प्रतियोगिता में जीतने वाले 16 खिलाड़ी चंडीगढ़ में होने वाली ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में भाग लेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर के रेफरी और मैट भी करवाए उपलब्ध
प्रोफेसर गर्ग ने बताया कि सभी खिलाड़ियों के रहने, खाने-पीने की व्यवस्था विश्वविद्यालय की ओर से हॉस्टल्स, फैकल्टी हाउस और कैंटींस में किया गया है। चैंपियनशिप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तकनीकी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के रेफरी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मैट भी उपलब्ध करवाए गए हैं। प्रतियोगिता का समापन 24 तारीख को होगा जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति विजेता खिलाड़ियों को पारितोषिक वितरण करेंगे।
कुश्ती में रिव्यू व्यवस्था आने से खिलाड़ियों को हुआ लाभ
चैंपियनशिप में भाग लेने आए खिलाड़ियों ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की मेजबानी की तारीफ करते हुए कहा कि यहां खिलाड़ियों के रहने और खाने की विश्वविद्यालय की ओर से अच्छी व्यवस्था की गई है। खिलाड़ियों ने कहा कि अब कुश्ती में रिव्यू व्यवस्था आने से खिलाड़ियों को काफी लाभ हुआ है, जैसे पहले यह व्यवस्था क्रिकेट के खेल में ही होती थी। अब कुश्ती में आने से खिलाड़ियों के संदेश वही मैट पर ही दूर किया जा सकते हैं।