Rohtak पीजीआई के फार्मेसी कॉलेज के प्रोफेसर व सहायक प्रिंसिपल राकेश गोयल के आत्महत्या के मामले में अब परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की है। परिजनों का कहना है कि उन पर पीजीआई प्रशासन के ही डॉक्टरों द्वारा बेवजह दबाव बनाया गया था और झूठे आरोप लगाए थे, जिसके चलते उन्होंने आत्महत्या की है। वहीं राकेश गोयल ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा था जिसमें पीजीआई के कुछ सीनियर डॉक्टर के नाम थे।
इस मामले में पीजीआई प्रशासन कुछ भी बोलने से बचता नजर आ रहा है, तो वहीं पुलिस अधिकारी ने कहा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज थी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही बड़ा खुलासा होगा। पीजीआईबी फार्मेसी कॉलेज के प्रिंसिपल की आत्महत्या का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है अब मृतक के परिजनों ने इस सारे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। हेल्थ यूनिवर्सिटी स्थित फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर राकेश गोयल के शव का डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया।
परिवार को न्याय दिया जाएं
वहीं डॉक्टरों ने विसरा जांच के लिए भेजा है। पुलिस का कहना है कि अब केमिकल जांच रिपोर्ट के बाद ही पता लगेगा कि डॉक्टर राकेश गोयल ने नहर में कूदने से पहले जहरीली गोली खाई थी या नहीं। उसके बाद ही आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। डेड हाउस पहुंचे प्राचार्य के बेटे अनिल गोयल ने पुलिस से मांग की कि आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों को गिरफ्तार कर परिवार को न्याय दिया जाए। अनिल ने मीडिया के सामने कहा कि डॉक्टर राकेश को विभाग की तरफ से स्वार्थ के चलते प्रताड़ित किया जा रहा था। सुसाइड नोट में विस्तार से बताया है।
चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही उनके परिवार को न्याय मिलेगा। बता दें कि पीजीआई कैंपस निवासी अनिल गोयल ने आईएमटी थाने में शिकायत दी थी कि उसके पिता डॉक्टर राकेश गोयल फार्मेसी कॉलेज में सहायक प्रोफेसर थे। साथ ही कुछ माह से उनको प्राचार्य का अतिरिक्त कार्यभार मिला हुआ था। वीरवार सुबह डॉक्टर राकेश संदिग्ध हालात में लापता हो गए थे। शुक्रवार को शव बालंद गांव के पास मिला था। पुलिस ने केस में चार लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है।