Rohtak के सिविल अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही का एक मामला सामने आया है, जहां एक 12 साल के बच्चे को हाथ में लोहे की कील लगने के बाद टेटनस का इंजेक्शन लगाना था, लेकिन डॉक्टर ने गलती से उसे रेबीज का इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद बच्चे की हालत बिगड़ी और परिजनों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
शुक्रवार को हुआ हादसा
शुक्रवार शाम को आठवीं कक्षा के छात्र नव्य को हाथ में लोहे की कील लग गई। परिजन उसे तुरंत सिविल अस्पताल लेकर गए, जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने उसे टेटनस का टीका लगाने के बजाय रेबीज का टीका लगा दिया। कुछ समय बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ी और परिजनों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
सीएमओ को शिकायत
निजी अस्पताल में बच्चे का इलाज करते समय परिजनों को पता चला कि डॉक्टर ने रेबीज का टीका लगा दिया था, जबकि उसे टेटनस का टीका लगाना चाहिए था। इसके बाद परिजनों ने सिविल अस्पताल में शिकायत दी, लेकिन डॉक्टर ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसके बाद परिजनों ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमओ) को शिकायत दी और मामले की जांच की मांग की है।

परिजनों ने की कार्रवाई की मांग
पीड़ित बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण बच्चे की तबीयत बिगड़ी और उनका विश्वास अस्पताल से उठ गया। उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।