स्वास्थ्य कर्मचारियों के पहले से स्वीकृत पदों में कटौती के निर्णय को वापिस लेने तथा आबादी के अनुसार नये पद स्वीकृत करने की मांग को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मी 1 नवम्बर को राज्य की हजारों पचायतों द्वारा पारित प्रस्ताव की प्रतियां स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को सौंपेगे।
जानकारी स्वास्थ्य सुपरवाईजर संघ के प्रदेशाध्यक्ष राममेहर वर्मा, महासचिव सतपाल खासा तथा उपप्रधान राजबाला देवी ने बताया कि सरकार द्वारा 2020 व 2021 में कोविड महामारी के दौरान स्वास्थ्य कर्मचारियों की भारी कमी के बावजूद पहले से स्वीकृत पदों को समाप्त करने के विरोध में स्वास्थ्य सुपरवाईजर संघ के आहवान चलाए जा रहे जन जागरण अभियान के तहत कर्मचारी गांव गांव व वार्ड वाईज जाकर जनता को पदों के समाप्त होने के दुष्परिणामों की जानकारी से अवगत करवा रहे है।
नए पद स्वीकृत करवाने की मांग की जा चुकी
स्वास्थ्य कर्मचारियों के जन जागरण अभियान का समर्थन करते हुए अब तक राज्य की 1450 से ज्यादा ग्राम पचायतों व नगर पार्षदो ने प्रस्ताव पारित सरकार स्वास्थ्य कर्मचारियों के समाप्त पदो को बहाल करवाने, सरकार के नोरम अनुसार नए पद स्वीकृत करवाने की मांग की जा चुकी है।
मंत्री, सांसदों व विधायकों को भेजे प्रस्ताव
गौरतलब है कि गत 1 जनवरी 2023 से प्रतिदिन ग्राम पचायतों व नगर पार्षदों द्वारा पारित प्रस्ताव राज्य के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सहित सरकार के तमाम मंत्री, सांसद, विधायक तथा आला अधिकारियो को भेजे जा रहे है। उन्होने बताया कि बीते वर्षो में जहां कोविड महामारी ने लोगों का सताया था, वही पर वर्ष 2021 में डेंगू ने 11825 लोगों को अपनी चपेट में लिया, जिनमें से 13 लोगों की मौत हुई तो वर्ष 2022 में 8996 लोग डेंगू के शिकार हुए। जिनमें से 18 लोगों की मौत हुई और वर्ष 2023 में अब 371 डेंगू के मामलो सामने आ चुके। जिनमें से एक व्यक्ति की मौत होने के बावजूद जहां प्रदेश में बहुउद्वेशीय स्वास्थ्य कर्मचारियों के पदो में बढोतरी करके नई नियमित भती करनी चाहिए थी।
तमाम पदों को समाप्त करने का तुगलकी आदेश करवा दिया जारी
वहीं पर कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच स्वास्थ्य विभाग की योजना शाखा के तत्कालीन निदेशक ने भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मांपदड के आबादी आधारित नोरम को दरकिनार कर सरकार को गुमराह करके लाखों की आबादी वाले फरीदाबाद, गुरूग्राम, पानीपत, रोहतक, हिसार, कैथल, जीन्द, पंचकूला व करनाल जैसे बडे शहरों तथा एक लाख से कम आबादी वाले चरखी दादरी, नूंह व झज्जर जैसे छोटे शहरों के लिए एक समान 6 पुरूष एम.पी.एच.डब्लयू तथा एक पुरूष स्वास्थ्य सुपरवाईजर के पद रखकर तथा महिला एम.पी.एच.डब्लू. के तमाम पदों को समाप्त करने का तुगलकी आदेश जारी करवा दिया।
50 के लगभग डेंगू के मामले आ चुके सामने
उक्त तुगलकी आदेश के लागू होने से राज्य के सभी जिला स्तरीय व उपमण्डल स्तरीय शहरों व ग्रामीण आंचल मे स्थित स्वास्थ्य केन्द्रों में पहले से पदों के समाप्त होने से स्वास्थ्य सेवाओं पर विपरित प्रभाव पड रहा है। उन्होने बताया कि 80000 की आबादी वाले अकेले नरवाना शहर में ही पहले से स्वीकृत एम.पी.एच.डब्लयू के 3 तथा स्वास्थ्य सुपरवाईजर पुरूष का एक मात्र पद समाप्त होने के कारण 50 के लगभग डेंगू के मामले सामने आ चुके है।
पीपी सैंटर को भी नोरम से हटाया
जिला व उपमण्डल स्तर के नागरिक अस्पतालों में जहां जच्चा-बच्चा देखभाल के लिए बडे दावे किए जा रहे है, वहीं पर मासूम बच्चो को रोग प्रतिरोधक टीकाकारण करने तथा परिवार नियोजन के कार्य की जिम्मेवारी वहन करने वाले पी.पी. सैन्टर को भी नोरम से हटा दिया गया है। विभाग की योजना शाखा के उक्त निर्णय के विरोध में स्वास्थ्य सुपरवाईजर संघ व बहुउद्वेशीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन ने आन्दोलन करते हुए गत 22 अगस्त को पंचकूला स्थित स्वास्थ्य भवन पर धरना दिया था, जिसके उपरान्त तत्कालीन महानिदेशक स्वास्थ्य सेवायें हरियाणा ने भरोसा दिया था कि कोई भी समाप्त नही किया जाएगा।
आश्वासन के बावजूद भी पदों को पोर्टल से जा रहा हटाया
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि आश्वासन के बावजूद पदों को पोर्टल से हटाने का कार्य किया जा रहा है। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार तथा सरकार के नोरम अनुसार राज्य में 4200 उप स्वास्थ्य केन्द्रों के विपरित लगभग 2750 उप स्वास्थ्य केन्द्र है।
उन्होंने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों के समाप्त पदो को बहाल करने, राज्य में आबादी के अनुसार नये पद सृर्जित करने और रिक्त पदो पर नियमित भती करने, पदोन्नत पद स्वास्थ्य सुपरवाईजर को एफ.पी.एल 7, एस.एम.आई. को एफ पी.एल. 8, ए.यू.ओ. को एफ पी एल 9 तथा ए.एम.ओ. को एफपी.एल 10 का संशोधित वेतनमान देने, एन.एच.एम. के तहत कार्यरत महिला एम.पी.एच.डब्लयू. को नियमित कर्मचारिका की भांति 4200 ग्रेड पे देने, अनुबन्धित कर्मचारियों को नियमित करने की मांग दोहराई।