हरियाणा में कई जिलों को ड्राई एरिया घोषित किया गया
13 जून तक दोबारा होगी शराब की ई-नीलामी
रिज़र्व प्राइस में 5% तक कटौती, राजस्व नुकसान की आशंका
Haryana Liquor Auction: हरियाणा सरकार ने शराब ठेकों की ई-नीलामी में भागीदारी बढ़ाने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। राज्य के कई जिलों को ड्राई एरिया घोषित कर दिया गया है, जहां फिलहाल शराब की बिक्री पर रोक रहेगी। इस निर्णय के बाद कई ठेकेदारों ने नीलामी में भाग नहीं लिया।
राज्य सरकार ने खाली रह गए ज़ोन की दोबारा नीलामी 13 जून तक कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत कई ज़िलों में रिज़र्व प्राइस में 5% तक कटौती की गई है ताकि ठेकेदारों को आकर्षित किया जा सके।
हालांकि कुछ जिलों जैसे यमुनानगर, हिसार और भिवानी में ठेकेदारों ने गैंगस्टर धमकियों के कारण भागीदारी से दूरी बना ली। ठेकेदारों का कहना है कि रंगदारी मांगने, गोलीबारी की धमकियां और सुरक्षा की कमी उनके फैसले पर असर डाल रही हैं।
गुरुग्राम जैसे जिलों में जहां बोली सामान्य से 6-10% ज्यादा लगी, वहीं यमुनानगर जैसे जिलों में ₹485 करोड़ की रिज़र्व प्राइस के मुकाबले सिर्फ ₹27 करोड़ की बोली लगाई गई, जिससे ई-नीलामी रद्द करनी पड़ी।
पुलिस और आबकारी विभाग ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का भरोसा दिलाया है, लेकिन फिर भी राजस्व में भारी नुकसान की आशंका बनी हुई है।
हरियाणा सरकार ने नए वित्त वर्ष के लिए शराब ठेकों की ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन कई जिलों में ठेकेदारों की भागीदारी नहीं मिलने के कारण सरकार को बड़ा झटका लगा है। शराब नीलामी के पहले चरण में कई ज़ोन बिना बोली के ही खाली रह गए हैं, जिसके चलते सरकार को न केवल राजस्व हानि का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि यह स्थिति कानून-व्यवस्था और कारोबारी विश्वास पर भी सवाल खड़े कर रही है।
नीलामी के लिए प्रदेशभर में 6000 से ज्यादा ठेकों को 20-22 जून से शुरू करने की योजना थी, लेकिन यमुनानगर, हिसार, भिवानी, फतेहाबाद, रेवाड़ी जैसे कई जिलों में या तो एक भी बोली नहीं लगी या नाममात्र की बोली ही लगी। गुरुग्राम और पंचकूला जैसे शहरी क्षेत्रों में बोली अपेक्षाकृत बेहतर रही, लेकिन ग्रामीण और पश्चिमी हरियाणा के कई हिस्सों में नीलामी पूरी तरह विफल रही।
यमुनानगर में रिज़र्व प्राइस ₹485 करोड़ थी, लेकिन सिर्फ ₹27 करोड़ की बोली लगाई गई, जिससे ई-नीलामी रद्द करनी पड़ी। स्थिति को सुधारने के लिए अब सरकार ने 5% तक रिज़र्व प्राइस घटाने का निर्णय लिया है और 13 जून तक दोबारा ई-नीलामी कराने की तैयारी की जा रही है।
इस बीच, कई जिलों को ड्राई एरिया घोषित कर दिया गया है, यानी वहां फिलहाल कोई शराब ठेका नहीं चल रहा है। इससे स्थानीय दुकानदारों और उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है, जबकि अवैध शराब बिक्री की आशंका भी बढ़ गई है।
गैंगस्टर गतिविधियों की वजह से भी ठेकेदार पीछे हट रहे हैं। विशेषकर यमुनानगर, हिसार और जींद जैसे जिलों में ठेकेदारों ने बताया कि उन्हें रंगदारी की धमकियां, गोलियों से हमला और जान से मारने की चेतावनी दी गई है। इसके कारण उन्होंने भाग नहीं लेने का फैसला किया।
प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि पुलिस और आबकारी विभाग मिलकर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर रहे हैं। अधिकारियों ने ठेकेदारों को भरोसा दिलाया है कि सुरक्षित वातावरण में व्यापार कर सकेंगे।
हालांकि जानकारों का कहना है कि इस प्रक्रिया में देरी और ड्राई ज़ोन घोषित होने से सरकार को सैकड़ों करोड़ का राजस्व नुकसान हो सकता है। साथ ही, राज्य में अवैध शराब कारोबार को बढ़ावा मिल सकता है।
सरकार अब दोबारा प्रक्रिया को पारदर्शी और सहज बनाने के लिए नीलामी की शर्तों में कुछ बदलाव, ऑनलाइन प्रणाली में सुधार, और सुरक्षा व्यवस्था के आश्वासन के साथ नए सिरे से ठेकेदारों को आमंत्रित करने की योजना बना रही है।