Sirsa कोरोना महामारी के दौरान जब पूरा देश संकट से गुजर रहा था, हरियाणा के सिरसा में एक बड़े फर्जीवाड़े की कहानी लिखी जा रही थी। शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले कुछ स्कूलों ने छात्रों के फर्जी प्रमाण पत्र तैयार किए। इस मामले में तीन स्कूल संचालकों, प्रिंसिपलों और अन्य कर्मचारियों समेत कुल सात लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा
अप्रैल 2021 में जब कोरोना महामारी के चलते बोर्ड परीक्षाएं रद्द हो गई थीं और छात्रों को प्रमोट किया जा रहा था, तब कुछ निजी स्कूलों ने इस मौके का फायदा उठाया। आरोप है कि इन स्कूलों ने 10वीं के फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए 11वीं कक्षा में छात्रों को दाखिला दिया। इसके बाद 12वीं कक्षा का फर्जी रिजल्ट बनवाने की साजिश की गई।
पुलिस जांच में सामने आया कि 92 स्कूलों में 129 छात्रों के दाखिले फर्जी थे। छात्रों ने हरियाणा, पंजाब, यूपी और बिहार जैसे राज्यों के फर्जी बोर्ड सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया। लेकिन जब हरियाणा बोर्ड ने दस्तावेजों की गहन जांच की, तो फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो गया।
फर्जी 12वीं के सर्टिफिकेट बनाने की साजिश तब फेल हो गई, जब हरियाणा बोर्ड ने छात्रों का रिजल्ट रोक दिया। जांच के दौरान पता चला कि 10वीं के प्रमाण पत्र हरियाणा बोर्ड की मान्यता के अनुरूप नहीं थे।