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Gohana की 14 साल की छौरी का सपना: लाल चौक से कन्याकुमारी तक 4000 किमी दौड़कर बनाएगी रिकॉर्ड

सोनीपत हरियाणा की शान

Haryana के Gohana उपमंडल के गांव रूखी की 14 वर्षीय सानिया, गरीबी के बावजूद, एक ऐतिहासिक उपलब्धि की ओर कदम बढ़ा रही है। सानिया 12 दिसंबर से जम्मू-कश्मीर के लाल चौक से कन्याकुमारी तक 4000 किलोमीटर की दौड़ लगाने जा रही है, जिसे वह 121 दिनों में पूरा करेगी। यह दौड़ एक रिकॉर्ड स्थापित करेगी और सानिया के अद्भुत साहस और मेहनत का प्रमाण बनेगी।

सानिया की पृष्ठभूमि और संघर्ष

सानिया एक साधारण परिवार से आती हैं। उनके पिता सुरेश पांचाल वेल्डिंग का काम करते हैं, और उनकी मां उषा गृहिणी हैं। चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी सानिया के लिए यह सफर आसान नहीं था। खेलों में रुचि रखने वाली सानिया को महावीर फोगाट से प्रेरणा मिली, और उन्होंने खुद खेतों में दौड़ का अभ्यास करना शुरू किया।

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परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद, उन्होंने सानिया के सपने को पूरा करने में हरसंभव सहयोग दिया। राजस्थान के रॉयल सैनिक स्कूल में स्कॉलरशिप हासिल करने के बाद, सानिया ने वहां प्रशिक्षण लिया और स्टेट लेवल पर गोल्ड और सिल्वर मेडल भी जीते।

माता-पिता और ग्रामीणों का समर्थन

सानिया के माता-पिता अपनी बेटी की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा, हमारी बेटी जो करने जा रही है, वह हमारे लिए गर्व का पल है।” ग्रामीणों ने भी सानिया को शुभकामनाएं और आशीर्वाद देते हुए उसकी हौसलाअफजाई की।

दौड़ का सफर और तैयारी

12 दिसंबर से शुरू होने वाली इस दौड़ के लिए सानिया अपने कोच और माता-पिता के साथ जम्मू-कश्मीर के लाल चौक रवाना हो चुकी हैं। सानिया का कहना है, मेरा सपना है कि मैं 121 दिनों में यह दौड़ पूरी करूं। मेरे माता-पिता और कोच का आशीर्वाद मेरे साथ है। मैं यह रिकॉर्ड 14 साल की उम्र में बनाऊंगी।”

सानिया की प्रेरणादायक कहानी

सानिया ने 11 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया और विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपनी पहचान बनाई। ग्रामीण और परिवार के समर्थन से सानिया ने अपने सपने को साकार करने के लिए पूरी मेहनत की। उनके इस जज्बे को देखते हुए बरोदा के कांग्रेस विधायक इंदुराज नरवाल ने भी गांव आकर सानिया को शुभकामनाएं दीं।

आर्थिक सहायता और प्रेरणा

इस यात्रा को सफल बनाने के लिए आर्थिक मदद भी जरूरी थी। कई लोगों ने सानिया के सपने को साकार करने में आर्थिक सहयोग किया। सानिया अब पूरी तैयारी के साथ अपनी दौड़ की शुरुआत करने जा रही है।

सानिया का संदेश

सानिया ने कहा, यह दौड़ मेरे लिए सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि अपने गांव और प्रदेश का नाम रोशन करने का मौका है। मैं अपने परिवार और कोच का धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया।”

सानिया की यह उपलब्धि न केवल उनके गांव बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बनेगी। उनकी यह यात्रा साबित करती है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।

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