सोनीपत के गांव रोहट में पीएचपी के सामने बनाए गए डॉक्टर्स के क्वार्टर लापरवाही और अनदेखी के चलते खंडहर में तब्दील हो गए है। गांव में डॉक्टर्स के रिहायशी क्वार्टर पशुओं का तबेला बन गया है और लोग क्वार्टर के कमरों में उपले, पशुओं का चारा भरकर रखे हुए हैं। पीएचसी और क्वार्टर की बिल्डिंग में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। लेकिन लाखों करोड़ों खर्च करने के बाद एक दिन भी यहां पर डॉक्टर के लिए रहने की व्यवस्था नहीं हो पाई।
लाखों-करोड़ों की बिल्डिंग चढ़ी लापरवाही की भेंट
प्रदेश की सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन सरकार तक कई बार अव्यवस्था की रिपोर्ट नहीं पहुंच पाती है। जिला स्वास्थ्य विभाग प्रशासन की लापरवाही और अनदेखी ने डॉक्टर्स के क्वार्टर की दो बिल्डिंग को जर्जरता और खंडहर में बदलने को मजबूर कर दिया।

डॉक्टर 1 दिन भी इस बिल्डिंग में नहीं जा पाए और अब इस बिल्डिंग का प्लास्टर टूट कर गिर रहा है। लोगों ने यहां पर अवैध कब्जे करने शुरू कर दिए हैं। दूसरी तरफ कुछ ग्रामीणों द्वारा पशुओं का चारा और उपले कमरों में भरे हुए हैं और वही बिल्डिंग के सामने काफी में गोबर डाला गया है।
क्वार्टर की बर्बादी का मंजर देखकर स्वास्थ्य विभाग भी गूंगा
लोगों को उम्मीद थी कि पीएचसी के सामने डॉक्टर यहां पर रहेंगे तो इलाज बेहतरीन होगा। आपातकाल स्थिति में भी डॉक्टर को बुलाया जा सकेगा। लेकिन पीएचसी रोहट के लिए क्वार्टर अपना वजूद हो चुके हैं। शुरुआती तौर पर ठेकेदार की मनमानी के चलते अच्छा निर्माण कार्य नहीं हुआ था। लोगों ने इस बात को लेकर एतराज किया था। लेकिन उसके बाद स्वास्थ्य विभाग भी अपनी लापरवाही वाली कार्यशैली के कारण क्वाटर की तरफ ध्यान नहीं दिया।

क्वाटरों में लगी करोड़ो रु की राशि और जनता के खून पसीने की कमाई से निकला हुए पैसे से बने हुए क्वार्टर की बर्बादी का मंजर स्वास्थ्य विभाग देखकर भी गूंगा बहरा हो गया है।