Sonipat : हिंदू धर्म में गाय को माता कहा गया है, लेकिन आज गौमाता सड़कों चौराहों पर भटकती हैं। लोग गाय का दूध पीने के बाद जब वह दूध देना बंद कर देती हैं, तो छोड़ देते हैं। वहीं, आज भी कुछ लोग गाय को माता मानकर उसकी सेवा में लगे रहते हैं। ऐसा ही कुछ कर रहे हैं, गोहाना के पिनाना गांव के रहने वाले तीन दोस्त।
घेवर मित्र मंडली पीनाना के नाम से तीन दोस्तों ने चार साल पहले सावन माह में खुद से ही घेवर बनाना शुरू कर दिया था। यहीं नहीं, फिर गौ सेवा करने की ठानी तो घेवर बेच कर हो रहे मुनाफे को गोवंश की सेवा में दान कर रहे हैं। तीनों दोस्तों ने अभी तक घेवर के मुनाफे के 67 लाख रुपये से ज्यादा का गोवंश की सेवा के लिए दान किए हैं। इसके लिए युवाओं की चारों तरफ तारीफ की जा रही है।
4 साल पहले सावन में बनाना शुरु किया था घेवर
इस मित्र मंडली तीन के सदस्य राकेश व अमित ने बताया उन्होंने गांव वालों के सहयोग से गांव में चार साल पहले सावन माह में खुद से ही घेवर बनाना शुरू कर दिया था। इस घेवर से होने वाली सारी कमाई वो गोवंश की सेवा में दान कर रहे हैं। अभी तक वो 6749921 रुपए दान दे चुके है और इस साल भी जितनी भी कमाई घेवर से होगी वो भी सारीं गो वंश की सेवा में दान कर दी जाएगी।
इस टीम का कहना है कि हर साल वह इस मुनाफा राशि को बढ़ाकर गोवंश की सेवा करना चाहते हैं। उनका घेवर पियोर देसी घी से तैयार किया जाता है और रेट भी सबसे कम रखा गया है। नो प्रॉफिट नो लॉस पर काम किया जा रहा है।
इतना ही नहीं हरियाणा का सबसे बड़ा समोसा भी यहां पांच रुपये में दिया जा रहा है। वो तो लोगो से यही अपील करना चाहते है वो यहां ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहचे और आप भी गौ सेवा के लिए दान करे। क्योंकि यहां से खरीदे गए घेवर से जो मुनाफा होगा वो सारा का सारा गौ सेवा के दान में दिया जायेगा। वहीं यहां आये लोगों का भी मानना है उनका ये बहुत अच्छा कदम है लोगो को शुद्ध देवी घी का घेवर मिल जाता है और इस से होने वाली कमाई से गौ की सेवा भी हो जाती है।