जिले में नगर निगम की बिल्डिंग में बनाई गई सरकारी लाइब्रेरी किसी खंडहर से कम नहीं है। लाइब्रेरी में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले 2 दर्जन से ज्यादा विद्यार्थी हर रोज पढ़ाई करने के लिए आते हैं। निगम की बिल्डिंग में बने हुए एक कमरे में लाइब्रेरी चल रही है। लाइब्रेरी में डर के साए में लड़के और लड़कियां पढ़ाई करने को मजबूर हैं। नगर निगम के अधिकारियों की अनदेखी किसी बड़े हादसे को न्यौता दे रही है।
लाईब्रेरी में जर्जर हुए कमरे
नगर निगम की लाइब्रेरी में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले 2 दर्जन से ज्यादा विद्यार्थी हर दिन आते हैं। जहां नगर निगम द्वारा बनाई गई लाईब्रेरी के कमरे जर्जर होकर बारिश में छत टपकती है। बिजली के उपयोग में आने वाले बोर्ड खुले तारों के साथ रहते है। बारिश में करंट आने की संभावना रहती है। आने वाले विद्यार्थियों को पढ़ाई की चिंता छोड़ छत के प्लास्टर के गिरने का खतरा ज्यादा रहता है। बारिश में फर्श पर पानी भी भर जाता है।
नगर निगम की लापरवाही विद्यार्थियों पर पड़ सकती है भारी
नगर निगम के अधिकारियों को बार बार अवगत करवाने के बाद भी अधिकारी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहे हैं। जरुरतमंद परिवारों के विद्यार्थी यहां पढ़ाई करने आते हैं जिनकी निजी लाइब्रेरी में जाकर पढ़ाई करने की स्थिति नहीं है। नगर निगम की लापरवाही विद्यार्थियों पर भारी पड़ सकती है। जहाँ निगम द्वारा बिल्डिंग को कंडम घोषित किया जाना चाहिए। ऐसे में नगर निगम जर्जर बिल्डिंग में ही लाइब्रेरी चला रहा है।