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Strock के इलाज में गोल्डन पीरियड का रोल बेहद अहम, मैक्स हॉस्पिटल ने लोगों को किया जागरूक

सोनीपत

Strock के मामलों में शुरुआती लक्षणों को समझना और इसके लेटेस्ट इलाज से जुड़ी जानकारियां लोगों तक पहुंचाने के मकसद से मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल शालीमार बाग (नई दिल्ली) ने आज इस विषय पर एक जागरूकता सत्र आयोजित किया। इस सत्र में लोगों को स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर इलाज कराने और सोनीपत में उपलब्ध इलाज के विकल्पों के बारे में जानकारी दी गई।

इस मौके पर मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल शालीमार बाग (नई दिल्ली) में न्यूरोलॉजी के निदेशक डॉ. मनोज खनल और एसोसिएट डायरेक्टर, न्यूरोसर्जरी और प्रमुख न्यूरोइंटरवेंशन डॉ. शैलेश जैन मौजूद रहें। इन विशेषज्ञों ने बताया कि स्ट्रोक पड़ने के बाद गोल्डन आवर्स में अस्पताल पहुंचाना कितनी महत्वपूर्ण है. मैक्स हॉस्पिटल शालीमार सोनीपत वासियों के लिए इस तरह के मामलों में सबसे नजदीकी हॉस्पिटल है जहां स्ट्रोक के बाद तुरंत पहुंचा जा सकता है और इलाज पाया जा सकता है।

25% स्ट्रोक के मरीज 45 वर्ष से कम उम्र के

विश्व स्ट्रोक दिवस से पहले मैक्स अस्पताल शालीमार बाग के डॉक्टरों ने इस तथ्य पर जोर दिया कि कम से कम 70-80% स्ट्रोक के मामले रोके या ठीक किए जा सकते हैं और इसलिए जागरूकता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हाल ही में तकनीक में हुई प्रगति से न केवल इस स्थिति का इलाज किया जा सकता है, बल्कि लकवे जैसी स्थितियों को भी ज्यादातर मामलों में ठीक किया जा सकता है।

सत्र के दौरान, मैक्स अस्पताल शालीमार बाग, नई दिल्ली के न्यूरोलॉजी विभाग के निदेशक, डॉ. मनोज खनल ने कहा स्ट्रोक एक चिकित्सा आपातकालीन स्थिति है और इसे तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा 25% स्ट्रोक के मरीज युवा (45 वर्ष से कम उम्र के) होते हैं। बैठने की जीवनशैली, मोटापा, नींद की कमी, तनाव, धूम्रपान, खून की बढ़ी हुई चिपचिपाहट और हृदय संबंधी कारक जैसे अटरियल फाइब्रिलेशन युवाओं में स्ट्रोक के सामान्य कारण हैं। स्ट्रोक के मामले में ‘गोल्डन आवर’ बहुत अहम होता है, जो स्ट्रोक के लक्षण शुरू होने के बाद लगभग 3 से 4.5 घंटे रहता है।

BEFAST का फॉर्मूला कारगर

इस पीरियड के दौरान मरीज को तुरंत इलाज दिया जाना चाहिए, खासकर इस्केमिक स्ट्रोक के मामले में क्लॉट डिजॉल्व करने या क्लॉट को हटाने की प्रक्रियाओं जैसे इलाज से अच्छे रिजल्ट पाए जा सकते हैं। स्ट्रोक के मामले में तुरंत एक्शन बेहद अहम होता है, क्योंकि समय पर इलाज मिलना मस्तिष्क क्षति को काफी कम कर सकता है और इससे रिकवरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. स्ट्रोक का इलाज थ्रांबोलिटिक थेरेपी से भी किया जाता है जिसमें ब्लड फ्लो को ठीक करने के लिए स्ट्रोक के शुरुआती घंटों में क्लॉट डिजॉल्व करने वाली दवा दी जाती है।

वहीं, मैकेनिकल थ्रोम्बोक्टॉमी, एंटीकोआगुलंट्स और एंटीप्लेटलेट दवाएं देकर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करके भी स्ट्रोक की स्थिति से निपटा जा सकता है। स्ट्रोक के लक्षणों को मैनेज करने के लिए BEFAST का फॉर्मूला कारगर रहता है। जिसमें बैलेंस प्रॉब्लम, आंखों की रोशनी का खोना, चेहरा हल्का पड़ जाना, बांह में कमजोरी, बोलचाल में दिक्कत, और एंबुलेंस को तुरंत कॉल करना शामिल होता है. इन लक्षणों को समझकर समय पर एक्शन लेने से स्ट्रोक के कारण होने वाले परमानेंट डैमेज से बचाव किया जा सकता है.

कई स्ट्रोक के मामले सफलतापूर्वक ठीक किए गए

मैक्स अस्पताल शालीमार बाग के एसोसिएट डायरेक्टर – न्यूरोसर्जरी और प्रमुख – न्यूरोइंटरवेंशन, डॉ. शैलेश जैन ने कहा, “स्ट्रोक की सर्जरी में कैरोटिड धमनियों से पट्टिका को हटाया जाता है, संकुचित कैरोटिड धमनियों को चौड़ा किया जाता है और स्टेंट लगाए जाते हैं, कमजोर मस्तिष्क रक्त वाहिकाओं के चारों ओर क्लिप लगाई जाती है, एन्यूरिज्म रप्चर को रोकने के लिए कॉइल डाला जाता है, असामान्य रक्त वाहिकाओं को हटाया जाता है, क्लॉट को हटाया जाता है, वाहिकाओं की मरम्मत की जाती है, गंभीर इस्केमिक स्ट्रोक के कारण बनने वाले बड़े थक्कों को हटाया जाता है।

स्ट्रोक के मामलों में ब्रेन डैमेज को रोकने, ब्लड फ्लो रिस्टोर करने और बाकी स्थितियों को मैनेज करने के लिए आमतौर पर सर्जरी की जरूरत होती है। स्ट्रोक किस तरह का है, इसकी गंभीरता कितनी है और मरीज की अपनी स्थिति क्या है, इन तमाम बातों पर स्ट्रोक की सर्जरी निर्भर करती है। सर्जरी के बाद स्ट्रोक के प्रकार की परवाह किए बिना, पुनर्वास रिकवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें शारीरिक चिकित्सा, व्यावसायिक चिकित्सा, भाषण चिकित्सा, संज्ञानात्मक पुनर्वास और मनोवैज्ञानिक समर्थन शामिल हो सकते हैं। मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल शालीमार बाग, नई दिल्ली में कई स्ट्रोक के मामले सफलतापूर्वक ठीक किए गए हैं, जो सही समय पर पहुंचे थे, जिससे जान बचाई जा सकी और स्थायी न्यूरोलॉजिकल क्षति को रोका जा सका। उन्नत तकनीक, विशेषज्ञतापूर्ण नैदानिक दृष्टिकोण और सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली निदान क्षमताओं के साथ, मैक्स हेल्थकेयर एक 24 घंटे का स्ट्रोक रेडी सेंटर है।

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