क्लर्कों की हड़ताल के बाद से और जमीनी खरीद-फरोख्त बढ़ने से अब राजस्व विभाग ने भी तहसीलों में रजिस्ट्रेशन टोकन एसडीएम 100 से बढ़ाकर 200 कर दी है। साथ ही 10 टोकन जो रोजाना तत्काल के मिलते थे, उनकी संख्या अब 50 हो गई है। जिससे अधिक लोगों की रजिस्ट्रियां हो पाएंगी। अभी एक सप्ताह से अधिक की वेटिंग लोगों को झेलनी पड़ रही है। टोकन लेते हैं तो रजिस्ट्री की टाइम एक सप्ताह बाद का मिल पा रहा है। अगले सप्ताह से जिलेभर में तहसीलदारों के साथ एसडीएम और डीआरओ भी रजिस्ट्री कर पाएंगे।
रजिस्ट्री पोर्टल पर एसडीएम और डीआरओ का भी लॉगइन कर दिया गया है। शुक्रवार को सोनीपत तहसील में 174 टोकन काटे गए थे। 26 टोकन फ्री रह गए। मात्र 63 लोग ही पहुंचे वह भी जो रजिस्ट्रियां तहसीलदार और नायब तहसीलदार को मार्क थी। टोकन लेते ही आवेदक के टोकन में ऑटोमेटेड यह दर्ज हो जाएगा कि आखिरकार उसकी रजिस्ट्री किस अधिकारी के पास होगी। इसी तरह से अधिकारी के भी लॉगइन में उक्त व्यक्ति से संबंधित डिटेल दिखाई पड़ने लगेगी। इससे पैमाइश और अन्य कार्यों में तहसीलदारों के बिजी होने की वजह से जिन लोगों को रजिस्ट्रियों के लिए सफर करना पड़ता था।
उनकी रजिस्ट्रियां उस दिन दूसरे अधिकारी कर पाएंगे। टोकन का समय पहले से निर्धारित होगा और अपने तय समय पर संबंधित अधिकारी को रजिस्ट्री का कार्य करना होगा। रजिस्ट्री की पावर एसडीएम और डीआरओ को देने का मतलब यह कतई नहीं है कि लोगों को तहसील से एसडीएम और डीआरओ कार्यालय का चक्कर लगाना होगा। इन दोनों को मार्क होने वाली रजिस्ट्रियां भी तहसील परिसर में ही होंगी।