हरियाणा के सोनीपत में शिक्षा दीक्षा कार्यक्रम के तहत शिक्षा निदेशालय की टीम ने जिले के 212 राजकीय उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों पर निरीक्षण कर शिक्षकों और विद्यार्थियों से फीडबैक लिया। अकबरपुर बारोटा में निरीक्षण करने शिक्षा विभाग के निदेशक के डॉ. अंसज सिंह पहुंचे। उन्होंने अलग-अलग क्लास रूम का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। स्कूल की ओर से अच्छी व्यवस्था के लिए सराहना भी की। वहीं स्कूल के कुछ कर्मचारियों पर भी ध्यान दिया गया। साथ ही स्कूल में टीचरों की कमी पाई गई है।
इस दौरान डॉ. अंसज सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की शिक्षा पॉलिसी का धरातल पर इंप्लीमेंट करवाने को लेकर यह निरीक्षण हो रहा है। शिक्षक और स्टूडेंट से सीधे तौर पर फीडबैक लिया गया। वहीं बोर्ड की परीक्षाओं में नकल करवाने वाले टीचरों के खिलाफ मजबूत सबूत भेजने के निर्देश दिए गए। बोर्ड की परीक्षाओं में नकल करवाने में टीचरों के खिलाफ एक्शन किया जाता है। एक्शन को लेकर और भी कदम उठाए जा रहे हैं। नकल करवाने वाले टीचर के खिलाफ मजबूत सबूत बनाकर पेश की जाए, ताकि विभागीय कठोर कार्रवाई हो सके।
ऑब्जेक्टिव एसेसमेंट का परफॉर्मा किया गया तैयार
शिक्षा विभाग के निदेशक के डॉ. अंसज ने कहा कि शिक्षा दीक्षा कार्यक्रम पिछले साल से शुरू किया था। पिछले साल 5 जिलों को कवर किया गया था। जिसके अंतर्गत एक टीम का गठन किया गया। NCRT डाइट निदेशालय के अधिकारी और कुछ शिक्षक शामिल किए जाते हैं। ऑब्जेक्टिव एसेसमेंट का परफॉर्मा तैयार किया गया है। जिसके अंतर्गत स्कूलों में किस प्रकार की पढ़ाई हो रही है, इसका आंकलन करने के लिए टीम निरीक्षण करती है।
उन्होंने बताया कि इससे स्कूलों में परफॉर्मेंस में इंप्रूवमेंट होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं देश के उज्जवल भविष्य को योग्य बनाने के लिए शुरुआत की गई है और इसके लिए स्कूलों में शिक्षक बच्चों को अच्छे से पढ़ाई करवा पाए।

निरीक्षण के दौरान सीधा शिक्षक और स्टूडेंट से मिलता है फीडबैक
शिक्षा निदेशालय की तरफ से बनने वाली पॉलिसियों का धरातल पर मिलने वाले फायदे की भी रिपोर्ट नोट की गई है। वहीं मौके पर निरीक्षण करने के दौरान शिक्षक और स्टूडेंट का फीडबैक सीधे तौर पर मिलता है। वहीं निदेशक ने यह भी बताया कि कई बार निदेशालय से बनने वाली पॉलिसीयों का धरातल पर सही ढंग से इंप्लीमेंट नहीं हो पाता और एक गैप आ जाता है और स्कूल की वास्तविक रिक्वायरमेंट कभी पता नहीं लग पाती है। वही अकबरपुर बारोटा के सरकारी स्कूल में निरीक्षण के दौरान इंटरनेट की समस्या देखने को मिली, जिसके चलते बच्चे अपने टैब को पूरी तरह से चला नहीं पा रहे थे।
अलग-अलग स्कूल का किया जाएगा रिपोर्ट कार्ड तैयार
डॉ. अंसज ने बताया कि निरीक्षण के दौरान स्कूलों की छोटी-छोटी समस्या को बारीकी से नोट भी किया गया है। विद्यालय में टीचरों की कमी भी देखने को मिली है। सभी स्कूलों में हर एक्टिविटी का रियल टाइम डाटा नोट किया जा रहा है और उसके उपरांत स्कूलों की कमियों की रिपोर्ट को प्रिंसिपल के सामने बता कर दुरुस्त करने के लिए भी कहा जाएगा। वही अलग-अलग स्कूल का एक रिपोर्ट कार्ड भी तैयार किया जाएगा। जिसके अंतर्गत भविष्य में सुधार करने के लिए प्रयास होंगे।
अध्यापकों को दी जाएगी टेक्निकल पढ़ाई की ट्रेनिंग
डॉ. अंसज ने कहा कि अध्यापकों द्वारा पढ़ाए जाने वाले पैटर्न पर भी लगातार सुधार हो रहा है और इसी को लेकर भी विद्यालय में चेक किया गया है और इसी को लेकर पहले भी कई बार ट्रेनिंग करवाई गई है। टीचर की ट्रेनिंग की आवश्यकता को भी समझने का प्रयास किया गया है ताकि भविष्य में होने वाली शिक्षा निदेशालय की ट्रेनिंग में उन्हें किस प्रकार की ट्रेनिंग में सुधार करते हुए आगे बढ़ाया जाए। वहीं बच्चों को पढ़ाने के लिए पैटर्न सरल और उत्सुकता भरा हो इस पर टेक्निकल प्रयास हो रहा है।
सरकारी स्कूलों को बनाया जाएगा प्राइवेट स्कूलों से बेहतर
शिक्षा विभाग के निदेशक ने कहा कि आज अभिभावक प्राइवेट स्कूलों में अच्छी पढ़ाई होने की सोच रखते हैं लेकिन शिक्षा निदेशालय का अब यही उद्देश्य है कि सरकारी स्कूलों को इतना बेहतर बनाया जाएगा और अभिभावकों का विश्वास भी जीत जाएगा कि उनके विद्यालय में प्राइवेट स्कूल से ज्यादा अच्छी पढ़ाई हो रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा दीक्षा कार्यक्रम चलाने का उद्देश्य यही है कि अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराने के लिए भी ना सोच पाए। डॉ. अंसज ने कहा कि जबरदस्ती दबाव बनाकर उसे पर रोक नहीं लगाई जा सकती है और पूरी जिम्मेदारी के साथ सभी शिक्षक को प्रयास करना होगा, और विश्वास दिलाना होगा कि वह बेहतरीन पढ़ाई करवाएंगे और कार्यक्रम के तहत विश्वास जीतने के लिए सभी स्कूलों में प्रयास हो रहा है।