(समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) ऑल Haryana पावर कॉरपोरेशन वर्कर यूनियन (संबंधित इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया एवं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा) ने केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ बिजली निगम के निजीकरण के फैसले के खिलाफ हरियाणा के सभी बिजली सब-यूनिट्स पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। समालखा के चारों सब-यूनिट छाजपुर, बापोली, बिहोली और समालखा पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई।
राज्य प्रेस सचिव सोमपाल रावल और अन्य वक्ताओं ने केंद्र सरकार के फैसले को अनुचित बताते हुए कहा कि चंडीगढ़ बिजली निगम एक फायदे में चलने वाला उपक्रम है, जिसमें केवल 10% लाइन लॉस है। इसके बावजूद इसे निजी हाथों में बेचा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट कर रही है।

देशव्यापी आंदोलन होगा
वक्ताओं ने चेतावनी दी कि निजीकरण से बिजली महंगी होगी और इसका सीधा बोझ आम जनता पर पड़ेगा। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ने ऐलान किया है कि इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की जाएगी और केंद्र सरकार ने अगर अपने फैसले को वापस नहीं लिया तो देशव्यापी आंदोलन होगा।
यूनियन ने हरियाणा बिजली निगम मैनेजमेंट के उस निर्णय का भी विरोध किया, जिसमें हरियाणा के कर्मचारियों को चंडीगढ़ में ड्यूटी पर तैनात करने की बात कही गई है। यूनियन ने स्पष्ट किया कि किसी भी कर्मचारी को चंडीगढ़ में ड्यूटी नहीं करनी चाहिए। अगर ऐसा करने के लिए दबाव बनाया गया या कोई दुर्घटना हुई तो हरियाणा में भी बड़ा आंदोलन शुरू होगा।

कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं
यूनियन ने बिजली निगम में कर्मचारियों की लगातार हो रही दुर्घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने मांग की है कि बिजली कर्मचारियों को जोखिम भत्ता (रिस्क अलाउंस) दिया जाए। निगम में लोड के अनुसार भर्तियां हों। सभी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए फील्ड में शिफ्टों में कर्मचारियों की नियुक्ति हो। प्रदर्शन में यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश, सचिव जोगिंदर, सब-यूनिट प्रधान कपूरचंद, परवीन छौक्कर और अन्य नेताओं ने संबोधित कर सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।