Faridabad सूरजकुंड की ऐतिहासिक धरा पर एक बार फिर से 38वां अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला 7 फरवरी से 23 फरवरी तक अपनी भव्यता के साथ सजने जा रहा है। इस बार यह मेला केवल हस्तशिल्प और खान-पान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यहां संस्कृति, संगीत, नृत्य, खेल और मनोरंजन का भी शानदार संगम देखने को मिलेगा।
इस बार मेला खास होने जा रहा है क्योंकि पहली बार चार बड़े स्टेजों पर लगातार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। इतना ही नहीं, पहली बार पारंपरिक खेलों का भी विशेष आयोजन किया जा रहा है, जिसमें दंगल, खो-खो और रस्साकशी जैसी रोमांचक स्पर्धाएं दर्शकों को रोमांचित करेंगी।

चार स्टेजों पर होगा लगातार सांस्कृतिक धमाल
इस बार मेले में कुल चार मंच (स्टेज) बनाए गए हैं, जहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकार अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगे। ये स्टेज इस प्रकार हैं:
1. चौपाल-1 (मुख्य मंच)
- इसी मंच से मेले का उद्घाटन और समापन समारोह आयोजित किया जाएगा।
- 7 से 23 फरवरी तक यहां दिनभर कार्यक्रम चलते रहेंगे।
- थीम स्टेट मध्य प्रदेश और ओडिशा, मेजबान राज्य हरियाणा, बिम्सटेक देशों (बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका) के कलाकारों की प्रस्तुतियां।
- पूर्वोत्तर राज्यों (असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम) की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी मुख्य आकर्षण होंगी।
- विशेष प्रस्तुति – 13 फरवरी को मशहूर हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा अपनी चुटीली कविताओं से दर्शकों को गुदगुदाएंगे।

2. चौपाल-2 (हरियाणा की लोक कला और संस्कृति का मंच)
- हरियाणा की पारंपरिक लोक कलाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंच।
- यहां हरियाणवी लोक नृत्य, सांग, रागनी, गींदड़ और अन्य पारंपरिक प्रस्तुतियां दिनभर चलेंगी।
- हरियाणा कला और सांस्कृतिक विभाग द्वारा स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का बड़ा मंच मिलेगा।
3. महास्टेज (सबसे बड़ा मंच, 4000 दर्शकों की क्षमता)
- यहां हर शाम बड़े और नामी कलाकारों की प्रस्तुतियां होंगी।
- उद्घाटन के दिन, 7 फरवरी को सूफी गायक सतिंदर सरताज अपनी शानदार प्रस्तुति देंगे।
- अन्य प्रमुख प्रस्तुतियां:
- 14 फरवरी – केएमसीसी सूफी ग्रुप
- 15 फरवरी – पंजाबी गायक गुरताज
- 16 फरवरी – बॉलीवुड गायक विपुल मेहता
- 17 फरवरी – थीम स्टेट ओडिशा के कलाकार
- 20 फरवरी – बिम्सटेक देशों के कलाकार
- 21 फरवरी – प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना प्रिया वेंकटरमन

4. नाट्यशाला (बच्चों और छात्रों की प्रतियोगिताओं का मंच)
- यहां स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए 13 विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।
- प्रतियोगिताओं में ग्रुप डांस, स्किट, लेखन, फोटोग्राफी, क्विज, मेहंदी, कोलाज आदि शामिल हैं।
- भागीदारी के लिए छात्रों को पहले पंजीकरण कराना होगा।
- यहां छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अनोखा अवसर मिलेगा।
पारंपरिक खेलों का रोमांच – महास्टेज के पास लगेगा दंगल!
अगर आप केवल कला और संस्कृति के ही नहीं, बल्कि खेलों के भी शौकीन हैं, तो सूरजकुंड मेला आपके लिए खास होने वाला है। महास्टेज के पास ही इस बार पारंपरिक खेलों का आयोजन किया जाएगा।
- दंगल (पहलवानी मुकाबले) – हर दिन (शनिवार-रविवार को छोड़कर)।
- खो-खो – टीम मुकाबले।
- रस्साकशी (टग ऑफ वॉर) – मजेदार और रोमांचक मुकाबले।

दुनिया भर के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद
किसी भी मेले की असली पहचान वहां के खान-पान से होती है, और सूरजकुंड शिल्प मेला इस मामले में भी पीछे नहीं रहेगा।
- थीम स्टेट मध्य प्रदेश और ओडिशा के पारंपरिक व्यंजन।
- हरियाणा की मशहूर मक्के की रोटी, सरसों का साग, बाजरे की खिचड़ी, दूध-घी से बने पारंपरिक पकवान।
- पूर्वोत्तर राज्यों के बांस के अचार, थुक्पा, मोमोज और अन्य लजीज डिशेज।
- बिम्सटेक देशों से आए स्वादिष्ट व्यंजन जैसे थाई करी, श्रीलंकाई हॉपर्स, भूटानी एमादात्शी।
हस्तशिल्प की अनोखी दुनिया
38वें सूरजकुंड मेले में देश-विदेश के 1000 से ज्यादा शिल्पकार अपनी बेहतरीन कलाकृतियों के साथ आएंगे।
- थीम स्टेट मध्य प्रदेश और ओडिशा के अनूठे हस्तशिल्प और कलाकृतियां।
- राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर राज्यों की मशहूर कला।
- नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार और थाईलैंड के विदेशी हस्तशिल्प।
टिकट और एंट्री की जानकारी
मेले में एंट्री के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से टिकट उपलब्ध होंगे। तो तैयार हो जाइए! 7 से 23 फरवरी तक सूरजकुंड शिल्प मेला केवल एक मेला नहीं, बल्कि एक यादगार अनुभव बनने जा रहा है!