Faridabad 38वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला अपने पूरे शबाब पर है। देश-विदेश से आए पर्यटकों का हुजूम यहां की रंगीनियों में खोता नजर आ रहा है। मेले की रौनक दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, और अब तक करीब दो लाख से अधिक पर्यटक इस अनोखे मेले का लुत्फ उठा चुके हैं।

सेल्फी प्वाइंट्स पर उमड़ी भीड़
पर्यटकों को लुभाने के लिए मेले में कई आकर्षक सेल्फी प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां लोग अपनी यादों को कैमरे में कैद करने में मशगूल हैं। कोणार्क मंदिर की प्रतिकृति, ‘आई लव सूरजकुंड’ का लोगो, असम का काला गैंडा, हरियाणवी चौपाल की बैलगाड़ी, बद्रीनाथ धाम का द्वार, रंगीन फव्वारे और नाचता हुआ मोर— ये सभी पर्यटकों के लिए खास आकर्षण बने हुए हैं।
विदेशी कलाकारों की धूम
सूरजकुंड मेला सिर्फ खरीदारी के लिए नहीं, बल्कि मनोरंजन के लिए भी मशहूर है। विदेशी कलाकारों की प्रस्तुतियां दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रही हैं। बड़ी और छोटी चौपाल, नाट्यशाला, और मॉल रोड पर कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। नगाड़ा और बीन की थाप पर थिरकते विदेशी पर्यटक इस मेले की खास पहचान बन चुके हैं।

तकनीक और सुरक्षा का मजबूत ताना-बाना
इस साल हरियाणा पर्यटन निगम ने मेला को डिजिटल मोड में बदल दिया है। ऑनलाइन टिकट बुकिंग और स्टॉल बुकिंग की सुविधा ने इसे और आसान बना दिया है। वहीं, सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं—सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में पूरा मेला सुरक्षित है, और पुलिस बल हर कोने पर सतर्क है।
देश-विदेश के शिल्पकारों का संगम
इस साल मेला भारत के कई राज्यों के अलावा किर्गिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, युगांडा, आर्मेनिया, सीरिया, ईरान जैसे देशों के शिल्पकारों को भी आकर्षित कर रहा है। इन कलाकारों की स्टॉल्स पर रंग-बिरंगे वस्त्र, कलात्मक सामान और घरेलू उत्पादों की भरमार है, जो खरीददारों को सहज आमंत्रण दे रहे हैं।