Faridabad सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले ने इस साल अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया इतिहास रच दिया है। 38वें संस्करण में शनिवार तक 16 लाख 10 हजार से अधिक पर्यटक इस मेले का हिस्सा बन चुके हैं, जो पिछले साल के 13.15 लाख के आंकड़े से कहीं अधिक है। मेले के समापन से पहले रविवार तक यह संख्या और अधिक बढ़ने की संभावना है। केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे।

‘शिल्प महाकुंभ’ की पहचान
हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित यह मेला भारत की सांस्कृतिक धरोहर और शिल्पकला का भव्य मंच बन गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में इस बार मेले का आयोजन अत्यंत भव्य और सुव्यवस्थित रूप से किया गया, जिससे पर्यटकों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी गई। इस बढ़ती लोकप्रियता के कारण सूरजकुंड मेले को अब ‘शिल्प महाकुंभ’ की संज्ञा दी जा रही है।

विदेशी कलाकारों और भारतीय शिल्पकारों ने मोहा मन
सूरजकुंड मेला सिर्फ भारत के विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकारों के लिए ही नहीं, बल्कि विदेशी कलाकारों के लिए भी एक प्रमुख मंच बन चुका है। बड़ी चौपाल पर विभिन्न देशों के कलाकारों द्वारा दी गई रंगारंग प्रस्तुतियों ने मेले में चार चांद लगा दिए। राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा और उत्तर प्रदेश सहित देशभर के राज्यों से आए शिल्पकार अपनी पारंपरिक कला और हस्तशिल्प का प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसे पर्यटकों का भरपूर समर्थन और सराहना मिल रही है।

बेहतर प्रबंधन बना पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र
हरियाणा सरकार ने मेले के आयोजन में इस बार विशेष सावधानी बरती है, ताकि पर्यटकों और शिल्पकारों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा स्वयं मेला प्रबंधन पर नजर बनाए हुए हैं।

सुविधाएं जो मेले को बना रही खास
सुरक्षा – पूरे मेले में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस कंट्रोल रूम में इन कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही है और पुलिस बल मुस्तैदी से तैनात है।
स्वच्छता और सुविधा – पर्यटकों की सुविधा के लिए शौचालय, पेयजल, बैठने की जगह, सफाई व्यवस्था और मेडिकल सहायता जैसी मूलभूत सुविधाओं को बेहतर किया गया है।
फूड कोर्ट – उचित दरों पर विभिन्न राज्यों के व्यंजनों का लुत्फ उठाने के लिए आकर्षक फूड कोर्ट बनाए गए हैं, जहां देशी-विदेशी पर्यटक स्वादिष्ट खाने का आनंद उठा रहे हैं।
बैंकिंग और डिजिटल भुगतान – शिल्पकारों और पर्यटकों के लिए कैशलेस भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे खरीदारी करना और भी आसान हो गया है।

पर्यटकों की पहली पसंद बना सूरजकुंड मेला
सूरजकुंड शिल्प मेला अब सिर्फ हरियाणा या दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि देशभर के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और चंडीगढ़ से बड़ी संख्या में लोग इस मेले को देखने आ रहे हैं।
शनिवार को बड़ी संख्या में परिवार, बुजुर्ग और बच्चे मेले का आनंद लेते दिखे। मनोरंजन, खरीदारी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनूठी संगम स्थली बन चुका यह मेला सभी वर्गों के लोगों के लिए एक यादगार अनुभव साबित हो रहा है।
रविवार को बन सकता है नया रिकॉर्ड
मेले के अंतिम दिन यानी रविवार को पर्यटकों की और अधिक भीड़ उमड़ने की संभावना है। यदि संख्या इसी रफ्तार से बढ़ती रही, तो यह मेला अपने इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना सकता है।