सोनीपत में डेरा पूर्बिया में स्थित प्राथमिक विद्यालय में जिंदगी और मौत के बीच बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। 7 महीने बीत जाने के बाद भी शिक्षा विभाग के दावे धरातल पर खोखले साबित हो रहे हैं। 7 महीने से टेंडर के नाम पर बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है। हालत यह है कि जर्जर छत के नीचे ही पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। स्कूल को कंडम घोषित किया गया है लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही और अव्यवस्था से कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है। स्कूल के पास अपना एक ही कमरा था और वह भी जर्जर होने के कारण बच्चे उसमें बैठ नहीं सकते और टीचर बच्चों को चौपाल में बैठाकर पढ़ाने को मजबूर है।
सोनीपत में डेरा पूर्बिया में स्थित प्राथमिक विद्यालय में बदतर हालात में पढ़ाई हो रही है। 1 साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी कंडम स्कूल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। 22 बच्चे एक ही कमरे में बैठकर पढ़ाई करते थे। लेकिन स्कूल के एक कमरे की छत का प्लास्टर टूट कर नीचे गिरा तो टीचर गांव की चौपाल में क्लास लगाने को मजबूर हैं। हालात इतने बदतर की बच्चे बरामदे में बैठकर भी पढ़ाई कर रहे हैं और बरामदे का भी प्लास्टर टूट कर गिर रहा है।
पूरे मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी नवीन गुलिया से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल का एस्टीमेट बनवा कर विभाग को भेज दिया गया है जहां जल्दी ही कार्य शुरू होगा। उन्होंने यह भी कहा है कि जैसे ही राशि स्वीकृत होगी कार्य अमल में लाया जाएगा। जहां जिला शिक्षा अधिकारी सेजल सभी सुविधा लागू करने की बात कर रहे हैं ऐसे में दिखता यह है कि जिला शिक्षा विभाग के दावे धरातल पर खोखले साबित हो रहे हैं। 7 महीने पहले भी इसी प्रकार से जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दावा किया गया था। लेकिन इतने बदतर हालात हैं कि कड़ाके की ठंड में बच्चे बाहर बैठने के लिए मजबूर रहते हैं।