(समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) शुक्रवार को समालखा से महाकुंभ की पवित्र यात्रा के लिए पहली बस को शशिकांत कौशिक द्वारा निःशुल्क सेवा के रूप में रवाना किया गया। शशिकांत कौशिक ने उपस्थित यात्रियों को संबोधित करते हुए महाकुंभ के महत्व और इसकी आध्यात्मिक महिमा पर प्रकाश डाला। शशिकांत कौशिक ने कहा,”महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह हमारी भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं का प्रतीक है।
यह वह अवसर है जब करोड़ों श्रद्धालु गंगा,यमुना और सरस्वती के पावन संगम में स्नान कर अपने जीवन को शुद्ध करने का अवसर प्राप्त करते हैं।महाकुंभ मानवता को एकजुट करने,आपसी सौहार्द बढ़ाने और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करने का पर्व है।”

शशिकांत ने बताया कि इस निःशुल्क बस सेवा का उद्देश्य अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को महाकुंभ में सम्मिलित होने का अवसर प्रदान करना है,ताकि वे इस पवित्र आयोजन का लाभ उठा सकें।शशिकांत कौशिक ने सभी यात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह यात्रा उनके जीवन में नई ऊर्जा, शांति और सकारात्मकता लाएगी।महाकुंभ यात्रा के आयोजन में शशिकांत कौशिक की यह पहल उनके समाजसेवा और धार्मिक कार्यों के प्रति समर्पण को दर्शाती है।यह पहल
स्थानीय जनता द्वारा सराही जा रही है।

मौके पर आलोक बंसल,सुन्दर छोक्कर, सरंपच रामधन सैनी,पप्पू प्रधान,मा.दलीप राठी,प्रेम सरपंच,हरिओम एमसी,नरेश कौशिक एमसी ,रकम सिंह छौक्कर,चरण सिंह किवाना,ओमवीर रावल,सतीश रावल,अनिल रावल,आन्नद आर्य,पिन्ना पहलवान आदि मौजूद रहे।