Haryana Politics : हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर और पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पहली बार आपस में मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच आधे घंटे से अधिक समय तक बातचीत चली। हालांकि इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट का नाम दिया जा रहा है, लेकिन हरियाणा की राजनीतिक गलियों में कयासबाजी का दौर शुरू हो चुका है। ऐसे में विपक्षियों के दावे भी सही साबित होते नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि हरियाणा में मंगलवार 12 मार्च को भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने के बाद वीरवार को पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के बीच मुलाकात हुई। दुष्यंत चौटाला वीरवार शाम को चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास कबीर कुटीर पहुंचे और करीब 40 मिनट कर बातचीत की। इसके बाद दुष्यंत चौटाला वापस अपनी कोठी पर लौट आए। इस दौरान दुष्यंत चौटाला ने मनोहर लाल से आशीर्वाद लिया और उन्हें भविष्य की शुभकामनाएं भी दीं।
वहीं इस दौरान दुष्यंत चौटाला मीडिया से भी बचते दिखाई दिए। ऐसे में इस सियासी मुलाकात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। उधर विपक्ष का दावा है कि भाजपा-जजपा का गठबंधन जारी है। यह एक सोची समझी रणनीति के तहत किया गया है। भाजपा और जजपा सिर्फ जाट और अन्य वोट बैंक को साधने के लिए यह सब ड्रामा कर रही है। गठबंधन टूटने के बाद न तो जजपा ने भाजपा पर आरोप लगाए हैं और न ही भाजपा की ओर से कोई अनाप-शनाप बयान सामने आया है।
यह भी माना जा रहा है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अपनी सरकारी कोठी को खाली करने की तैयारी में हैं। सरकारी गाड़ी और सुरक्षाकर्मी वह पहले ही लौटा चुके थे। बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी जल्द ही कबीर कुटीर से करनाल पहुंच सकते हैं। बता दें कि मनोहर लाल को भाजपा ने करनाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में उतारा है। वहीं दुष्यंत चौटाला जजपा की टिकट पर हिसार लोकसभा सीट से चुनावी रण में सामने आ सकते हैं।