केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की वैज्ञानिक डॉ. रिया सोनी और सहायक कृषि अभियंता नवीन हुड्डा ने महमूदपुर, मातंड, दोदवा और जौली गांवों का दौरा किया और वहां खेतों में चल रहे फसल अवशेष प्रबंधन कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान डॉ. रिया ने किसानों से बातचीत की और उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूक किया।
सहायक कृषि अभियंता नवीन हुड्डा ने बताया कि सोनीपत जिले में लगभग 90 हजार हैक्टेयर भूमि पर धान की फसल उगाई गई थी और अब अधिकांश क्षेत्रों में धान की कटाई की जा रही है। कृषि विभाग फसल अवशेषों को जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सैटेलाइट से निगरानी रख रहा है और इससे प्राप्त लोकेशन्स का सत्यापन भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सैटेलाइट द्वारा दोदवा और महमूदपुर गांवों में आगजनी की घटनाओं की जानकारी मिली थी, लेकिन बाद में भौतिक सत्यापन के दौरान आगजनी के कोई सबूत नहीं मिले।
कृषि विभाग की सक्रियता से फसल अवशेष जलाने पर कड़ी कार्रवाई
नवीन हुड्डा ने बताया कि जहां भी फसल अवशेष जलाने की घटनाएं पाई जाती हैं, वहां कृषि विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा, गोहाना सब डिवीजन में अतिरिक्त सहायक कृषि अभियंता की अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई, जिसमें फसल अवशेषों के उचित प्रबंधन पर चर्चा की गई। बैठक में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कृषि विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।