● अर्जुन चौटाला ने हरियाणा में भूजल में खतरनाक फ्लोराइड और यूरेनियम पाए जाने का मुद्दा विधानसभा में उठाया।
● मंत्री द्वारा वेबसाइट का लिंक दिया गया, जो मेंटेनेंस मोड में था, इस पर विधायक ने कड़ा ऐतराज जताया।
● विधानसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए विस्तृत रिपोर्ट जमा करने और चर्चा करने का निर्देश दिया।
Haryana Groundwater: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने प्रदेश के भूजल में खतरनाक रसायनों की उपस्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने सदन में कहा कि केंद्र सरकार की रिपोर्टों के अनुसार हरियाणा के कई जिलों में भूजल में फ्लोराइड और यूरेनियम की मात्रा चिंताजनक स्तर तक बढ़ गई है, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।
प्रश्नकाल के दौरान जब मंत्री से इस मुद्दे पर जवाब मांगा गया, तो उन्होंने एक वेबसाइट का लिंक दिया। लेकिन जब इस लिंक को खोला गया तो वह वेबसाइट मेंटेनेंस मोड में पाई गई। इस पर अर्जुन चौटाला ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि जब वेबसाइट उपलब्ध ही नहीं है, तो मंत्री उसका लिंक देकर सदन को गुमराह क्यों कर रहे हैं?
उन्होंने कहा कि लोकसभा और सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट में बेहद खतरनाक तथ्य सामने आए हैं। जल शक्ति मिशन की रिपोर्ट के मुताबिक, 23% पानी के सैंपल में फ्लोराइड की मात्रा डेढ़ मिलीग्राम से अधिक पाई गई है, जिससे हड्डियों की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। वहीं, सबसे गंभीर तथ्य यह है कि सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 14.5% सैंपल में भारी मात्रा में यूरेनियम की उपस्थिति पाई गई है। उन्होंने दावा किया कि यही कारण है कि हरियाणा के कई जिलों में कैंसर के मामलों में भारी वृद्धि हो रही है।
अर्जुन चौटाला ने सरकार से सवाल किया कि हरियाणा सरकार और केंद्र की एजेंसियों द्वारा किए गए जल परीक्षण की रिपोर्ट क्या मिलकर जारी की जाती है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? इस पर मंत्री का जवाब असंतोषजनक रहा।
इसके अलावा, उन्होंने जल परीक्षण में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की कैलिब्रेशन प्रक्रिया और उसकी आवृत्ति को लेकर भी सवाल उठाया। विधानसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे को बेहद गंभीर मानते हुए सरकार को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और इस पर विस्तार से चर्चा करने की बात कही।