हरियाणा के यमुनानगर जिले के कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में Uttarakhand से आए पांच हाथियों के एक परिवार ने दस्तक दी है। इनमें एक नर, दो मादा और दो शिशु हाथी शामिल हैं। वन विभाग इसे वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण अनुकूलता का सकारात्मक संकेत मान रहा है। अधिकारियों का कहना है कि ये हाथी संभवतः देहरादून के राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से आए हैं, जहां हाथियों की बढ़ती आबादी के कारण वे नए आवास की तलाश में निकले होंगे।
कलेसर के जंगलों में भोजन की तलाश में आया हाथी परिवार
वन्यजीव विभाग के इंस्पेक्टर लीलू राम ने बताया कि इस हाथी परिवार को पहली बार करीब 20 दिन पहले देखा गया था। इसके बाद उन्हें कई बार पार्क के विभिन्न हिस्सों में घूमते हुए देखा गया। इंस्पेक्टर राम के अनुसार, “कलेसर के जंगलों में हाथियों के लिए अनुकूल पर्यावरण और भोजन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यहां उनके पसंदीदा रिहानी पेड़ और अन्य वनस्पतियाँ भरपूर हैं, जो हाथियों को आकर्षित कर रही हैं।”
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से जुड़े घने गलियारे से पहुंचा हाथी परिवार
11,570 एकड़ में फैला कलेसर राष्ट्रीय उद्यान हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित शेर जंग राष्ट्रीय उद्यान और कलेसर वन्यजीव अभयारण्य से जुड़ा हुआ है। यह क्षेत्र घने वन गलियारे के माध्यम से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से भी संपर्क में है, जिससे वन्यजीव आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते हैं।
खतरनाक जंगली जानवरों का बसेरा भी है कलेसर
शिवालिक की तलहटी में स्थित कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में कई तरह के खतरनाक जंगली जानवर भी पाए जाते हैं। यहां तेंदुआ, अजगर, किंग कोबरा, भौंकने वाला हिरण, सांभर और चीतल जैसे जानवरों की उपस्थिति है। इसके अलावा नीलगाय, गोरल, भारतीय साही, कॉमन पाम सिवेट और ग्रे लंगूर भी बड़ी संख्या में देखे जाते हैं। वन विभाग ने हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता बढ़ा दी है और इन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।