● हरियाणा में डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने पर विचार
● यूपी, बिहार, राजस्थान सहित कई राज्यों में बढ़ चुकी है रिटायरमेंट उम्र
● सरकार डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए नए विकल्पों पर कर रही मंथन
Haryana Doctors Retirement Age: हरियाणा सरकार प्रदेश में डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर मंथन किया जा रहा है। वर्तमान में हरियाणा में डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र 58 वर्ष है, लेकिन कई अन्य राज्यों की तरह इसे बढ़ाने पर चर्चा हो रही है।
राज्य में दूर-दराज के गांवों और कस्बों में डॉक्टरों की कमी वर्षों से बनी हुई है, जो विधानसभा सत्रों में भी चर्चा का विषय रही है। यूपी, चंडीगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों में पहले ही रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई जा चुकी है। इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार भी इस दिशा में कदम बढ़ाने के संकेत दे रही है।
एचसीएमएस एसोसिएशन की बैठक:
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज (एचसीएमएस) एसोसिएशन ने इस विषय पर एक बैठक बुलाई है। इसके बाद सरकार और स्वास्थ्य विभाग को ज्ञापन सौंपा जाएगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया और मीडिया कोऑर्डिनेटर अमरजीत सिंह चौहान का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने के पक्षधर रहे हैं। भाजपा शासित कई राज्यों में यह निर्णय पहले ही लागू हो चुका है।
नए प्रावधानों पर मंथन:
हरियाणा में वर्तमान नियमों के तहत, 58 वर्ष की उम्र में डॉक्टर रिटायर हो जाते हैं, लेकिन उन्हें कंसल्टेंट के रूप में 66 वर्ष तक रखा जा सकता है। हालांकि, सरकार चाहती है कि रिटायरमेंट के बाद भी डॉक्टर क्लीनिकल कार्यों में सक्रिय रहें, लेकिन अधिकांश डॉक्टर प्रशासनिक कार्यों को प्राथमिकता देते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने मीडिया को दिए बयान में बताया कि राज्य में डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 777 नए चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। साथ ही, रिटायरमेंट आयु बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से चर्चा के बाद कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।
यदि सरकार यह निर्णय लेती है, तो इससे राज्य में डॉक्टरों की कमी दूर हो सकती है। लेकिन डॉक्टरों को केवल प्रशासनिक कार्यों तक सीमित रखने के बजाय मरीजों के इलाज के लिए भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी।