रेवाड़ी जिले के भटसाना गांव की रहने वाली मोनिका (तीसरी बार गर्भवती) की डिलीवरी के बाद संदिग्ध हालातों में मौत हो गई। 27 जुलाई की रात को मोनिका को डिलीवरी पेन के चलते रेवाड़ी के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां उसने एक बेटे को जन्म दिया। यह नॉर्मल डिलीवरी थी और बच्चे की स्थिति सामान्य बताई गई, लेकिन डिलीवरी के करीब एक घंटे बाद ही मोनिका की अचानक सांसें थम गईं।
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मोनिका की जान गई। महिला के देवर ने बताया कि जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो उसके पति ने कई बार डॉक्टर को बुलाने की कोशिश की, लेकिन एक घंटे तक कोई नहीं आया।
महिला की मौत के बाद परिजन शव को गांव लेकर चले गए थे, लेकिन अंतिम संस्कार से ठीक पहले उन्होंने अस्पताल लौटकर बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने और कार्रवाई की मांग की।
इस पूरी घटना पर अस्पताल के PMO डॉ. सुरेंद्र यादव ने कहा कि डिलीवरी से पहले या बाद में अगर महिला की मृत्यु होती है तो मेडिकल विभाग द्वारा जांच की जाती है। इस मामले में भी जांच की जाएगी और रिपोर्ट डीसी को सौंपी जाएगी।
PMO ने बताया कि डिलीवरी के बाद अचानक मोनिका को सांस आनी बंद हो गई थी। उसे तत्काल इलाज देने की कोशिश की गई, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी। डॉक्टरों का कहना है कि मौत कार्डियक अरेस्ट से हो सकती है, लेकिन असली कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से स्पष्ट होगा।