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Yamunanagar: औद्योगिक प्रदूषण से यमुना नदी प्रदूषित, 220 फैक्ट्रियों को नोटिस जारी

हरियाणा यमुनानगर

Yamunanagar जगाधरी, जो औद्योगिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध है, में फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी के कारण यमुना नदी का जल प्रदूषित हो रहा है। यह दूषित पानी डिच ड्रेन के माध्यम से धनौरा एस्केप में पहुंचकर यमुना नदी में गिर रहा है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 220 फैक्ट्रियों को नोटिस जारी किया है।

शिकायत मिलने पर कार्रवाई

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को हाल ही में शिकायत मिली थी कि मेटल इंडस्ट्री से केमिकल युक्त अनुपचारित पानी डिच ड्रेन के माध्यम से धनौरा एस्केप में छोड़ा जा रहा है। इसके बाद बोर्ड ने 220 फैक्ट्री संचालकों को नोटिस देकर 15 दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया। संतोषजनक जवाब न मिलने पर फैक्ट्रियों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।

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औद्योगिक इकाइयों से प्रदूषण का प्रभाव

जगाधरी और यमुनानगर में बड़े पैमाने पर मेटल और प्लाईवुड उद्योग स्थापित हैं। इन उद्योगों से निकलने वाले कैमिकल युक्त पानी में धातुओं और हानिकारक तत्वों की मात्रा बहुत अधिक होती है। सामान्य सीवरेज पानी में कैमिकल ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी) स्तर 400-500 एमजी प्रति लीटर होता है, लेकिन इन इकाइयों से निकलने वाले पानी में यह स्तर कई गुना अधिक होता है।

सरकार का समाधान: ट्रीटमेंट प्लांट

सरकार इस समस्या के समाधान के लिए परवालो में 19.5 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) क्षमता का इंफ्लुएंस ट्रीटमेंट प्लांट तैयार करवा रही है। इस प्लांट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी पहले ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचे और शुद्धिकरण के बाद ही यमुना नदी में छोड़ा जाए।

नियमों की पालना अनिवार्य

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि कोई भी फैक्ट्री संचालक अगर नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कदम से औद्योगिक क्षेत्रों में हड़कंप मच गया है।

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