Desi Nuskhe : सांस लेने में बार-बार तकलीफ होती है तो लोगों का ध्यान जाता है अस्थमा यानी की दमा की ओर। तो आज आपको आसान भाषा में जानने को मिलेगा कि अस्थमा क्या होता है, इसके लक्षण क्या है, और इसके घरेलू इलाज क्या है।
पहले बात करते हैं कि अस्थमा क्या है, अस्थमा सांस से जुड़ी एक बीमारी है, जो इंसान अस्थमा रोग का शिकार होता है उसे सांस लेने में काफी तकलीफे होती हैं। अस्थमा को लाइलाज बीमारी भी कहा जाता हैं क्योंकि एक बार अस्थमा हो जाने पर इसे जड़ से खत्म करना काफी मुश्किल माना जाता है। हालांकि कुछ सावधानियां बरत कर इसे कंट्रोल भी किया जा सकता है। और यह भी जान लें कि अस्थमा किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। इसके इलाज के अलावा खतरे की बात ये है कि अस्थमा के मरीजों के लिए अस्थमा का अटैक काफी घातक हो सकता है। इसलिए समय रहते इसका इलाज करवाना जरूरी है।
अब बात करेंगे अस्थमा के लक्षणों के बारे में, सबसे पहला ओर मेन लक्षण तो है सांस लेने में तकलीफ होना। इसके अलावा और भी लक्षण होते हैं जैसे बार-बार खांसी आना, ज्यादातर दौरे के साथ खांसी आना, सांस लेते समय सीटी की आवाज आना, छाती में भारीपन या जकड़ाहट महसूस होना, सांस फूलना, बेचैनी होना। यह सभी अस्थमा यानी दमा के लक्षण होते हैं। और अस्थमा के लक्षणों का जितनी जल्दी पता चलेगा उतनी ही जल्दी अस्थमा का इलाज हो सकता है।
अब अस्थमा के घरेलू इलाज के बारे में जानेगें
देखिए अगर आप अस्थमा रोग के शिकार हैं तो इसे कंट्रोल करना बहुत जरूरी है क्योंकि जैसा मैने पहले बताया कि अस्थमा के शिकार रोगियों को अस्थमा अटैक का खतरा रहता है जो बहुत घातक साबित हो सकता है। तो अगर आपको बार-बार सांस लेने में तकलीफ होती है और मौसम में बदलाव के साथ-साथ ये समस्याएं और बढ़ने लगती है तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा अगर आप अस्थमा के शुरूआती स्टेज में हैं तो इसे डॉक्टर को दिखाने के साथ-साथ कुछ घरेलू उपाय भी कर सकते हैं इससे बीमारी कंट्रोल में रहेगी।
इन घरेलू उपायों में शामिल है लहसुन, अजवाइन, अंजीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, मेथी, लहसुन ना सिर्फ अस्थमा के लिए बल्कि हर बीमारी के लिए फायदेमंद है। खैर अस्थमा के इलाज के लिए थोड़े दूध में लहसुन की पांच कलियां उबाल लें और हर रोज इसका सेवन करें। अस्थमा के इलाज में अजवाइन भी काफी फायदेमंद है, इसके लिए आप पानी में अजवाइन डालकर इसे उबालें और भाप लें, इससे सांस लेने में होने वाली तकलीफें दूर होती हैं।
फिर है अंजीर जो कफ को जमने से रोकने में काफी मदद करता है। आपने करना क्या है अस्थमा का इलाज करने के लिए सूखी अंजीर को गर्म पानी में रातभर भिगो दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। इससे श्वास नली में जमा बलगम ढीला हो जाता है और बाहर निकल जाता है जिससे संक्रमण फैलने का खतरा कम होता है। हम जानते हैं कि हरी पत्तेदार सब्जियां सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती हैं। ऐसे में आप अस्थमा में पालक और गाजर का जूस ले सकते हैं।
इसके अलावा है मेथी। आयुर्वेद के अनुसार मेथी अस्थमा का इलाज करने के लिए मेथी रामबाण उपाय है। इसके लिए मेथी के कुछ दानों को एक गिलास पानी में उबाल लें, जब ये एक तिहाई बचे तो इसमें शहद और अदरक का रस मिलाकर रोजाना सुबह शाम इसका सेवन करें।
अस्थमा के मरीजों के लिए सावधानियां
अस्थमा के मीरीजों के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। अगर आप शुरू से ही सावधानियां और परहेज रखते हैं तो इससे संक्रमण बढ़ने का खतरा कम होता है और अस्थमा अटैक से भी बच सकते हैं। अस्थमा और दमा के मरीजों को सर्दी और धूल से बचना चाहिए, ज्यादा ठंड और मौसम में नमी से अस्थमा मरीजों की समस्या और बढ़ सकती है। घर से बाहर जाते समय मास्क लगाकर निकलें जिससे आप धूल-मिट्टी के संपर्क में आने से बच सकें। साथ ही सर्दियों में धुंध से बचें, ताजा पेंट, स्प्रे, अगरबत्ती, मच्छर भगाने का कॉइल का धुआँ और खुशबुदार चीजों से बचें। सबसे मेन धूम्रपान ना करें और धूम्रपान वाली जगहों पर जाने से भी बचे।