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🌹 दिनांक : 5 फरवरी 2024🌷
🌹 दिन – सोमवार🌷
🌹 विक्रम संवत – 2080🌷
🌹 शक संवत – 1945🌷
🌹 अयन – दक्षिणायन🌷
🌹 ऋतु – शिशिर🌷
🌹 मास – षौढ़🌷
🌹 तिथि – दशमी🌷
🌹 नक्षत्र – अनुराधा🌷
🌹 अमान्ता महीना – भाद्रपद🌷
🌹 योग – ध्रुव🌷
🌹 सूर्योदय – सुबह 7:23 पर🌷
🌹 सूर्यास्त – शाम 5:52 पर🌷
🌹 प्रथम करण – विष्टि🌷
🌹 द्वितीय करण – बालवा🌷
🌹 दिशाशूल- उत्तर🌷
🌹 चंद्रराशि – वृश्चिक🌷
🌹 सूर्यराशि – मकर🌷
🌹 शुभमुहूर्त – अभिजीत🌷
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🍇पंचांग की जरूरत :
पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ-अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है। पंचांग का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है, इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है।
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🍇नक्षत्र :
आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।
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🍇योग :
नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम – विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
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🍇करण :
एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
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🍇पंचांग क्या है :
पंचांग दैनिक ज्योतिषीय कैलेंडर है जो ग्रहों और सूक्ष्म स्थितियों के आधार पर चंद्र दिवस के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। इसमें पाँच विशेषताएँ शामिल हैं- तिथि (द लूनर डे), वार (सप्ताह का दिन), नक्षत्र (चन्द्र मेंशन), योग (चन्द्र-सौर दिवस) और करण (आधा चन्द्र दिवस)। इन पांच विशेषताओं के आधार पर, ज्योतिषी किसी भी नए कार्य या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान को शुरू करने के लिए मुहूर्त या शुभ समय का निर्धारण करते हैं और इसके साथ-साथ अशुभ समय को भी देखते हैं जिससे हर किसी को बचना चाहिए।
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🍇दैनिक पंचांग और उसका महत्व
प्राचीन ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देता है और व्यक्ति को उसके कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। हिन्दू दैनिक पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके उपयोग से व्यक्ति को तिथि, योग और शुभ-अशुभ समयों में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है। जिससे हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकते हैं और अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
ज्योतिषी लोगों को सुझाव देते हैं कि वे अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।
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🍇राशिफल :
🎍मेष राशि : (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

मानसिक शान्ति रहेगी, परन्तु धैर्यशीलता में कमी भी हो सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। रहन-सहन अव्यवस्थित रहेगा। कारोबार की स्थिति में सुधार होगा। धर्म के प्रति श्रद्धाभाव रहेगा। नौकरी में स्थान परिवर्तन की सम्भावना बन रही है। अफसरों का सहयोग मिलेगा। वाहन सुख में वृद्धि होगी। मित्रों के साथ यात्रा देशाटन के लिए जा सकते हैं। आशा-निराशा के मिश्रित भाव मन में रहेंगे। सेहत का ध्यान रखें। कार्यों के प्रति जोश एवं उत्साह रहेगा।

🎍वृष राशि : (ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आत्मसंयत रहें। धैर्यशीलता बनाये रखने के प्रयास करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नौकरी में कार्यक्षेत्र में बदलाव की सम्भावना बन रही है। मन परेशान हो सकता है। सेहत का ध्यान रखें। आत्मविश्वास में कमी आएगी। अनियोजित खर्चों में वृद्धि होगी। उपहार में वस्त्र प्राप्त हो सकते हैं। कारोबार में लाभ के अवसर मिलेंगे। धैर्यशीलता में कमी भी आ सकती है। किसी मित्र का आगमन हो सकता है। क्रोध के अतिरेक से बचने का प्रयास करें। वाहन सुख की प्राप्ति होगी।

मिथुन राशि : (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)

मन में नकारात्मकता का प्रभाव हो सकता है। आय में कमी एवं खर्च अधिक की स्थिति हो सकती है। कार्यक्षेत्र में परिश्रम अधिक रहेगा। क्रोध के अतिरेक से बचें। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। रहन-सहन अव्यवस्थित रहेगा। धार्मिक संगीत के प्रति रुझान रहेगा। किसी मित्र का आगमन हो सकता है। पिता को स्वास्थ्य विकार रहेंगे। सम्मान की प्राप्ति होगी। कारोबार में अनुकूल परिस्थितियां रहेंगी। लाभ के अवसर मिलेंगे। पिता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं।

🎍कर्क राशि : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे, डो)

आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, परन्तु मन परेशान हो सकता है। कारोबार में लाभ होगा। भागदौड़ अधिक रहेगी। लाभ के अवसर मिलेंगे। किसी मित्र का सहयोग मिल सकता है। मन थोड़ा परेशान हो सकता है। जीवनसाथी का साथ मिलेगा। वाहन के रखरखाव पर खर्च बढ़ सकते हैं। क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा के भाव मन में रहेंगे। नौकरी में यात्रा पर जाना हो सकता है। खर्च अधिक रहेंगे। परिवार का सहयोग मिलेगा। धन की स्थिति सुधरेगी। शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी।

🎍सिंह राशि : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

शैक्षिक कार्यों पर ध्यान दें। घर-परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं। भाग-दौड़ अधिक रहेगी। रहन-सहन अव्यवस्थित हो सकता है। सेहत का ध्यान रखें। मन में शान्ति एवं प्रसन्नता के भाव रहेंगे। भवन सुख की प्राप्ति हो सकती है। पिता से धन प्राप्त होगा। आत्मविश्वास में कमी आएगी। स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। परिवार की समस्याएं अभी रहेंगी। कारोबार में लाभ बढ़ सकता है। क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा की मानसिकता हो सकती है।

🎍कन्या राशि : (ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आशा-निराशा के भाव मन में हो सकते हैं। परिवार की जिम्मेदारी बढ़ सकती है। नौकरी में स्थान परिवर्तन की सम्भावना भी बन रही है। कार्यक्षेत्र में वृद्धि हो सकती है। क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा की मनःस्थिति रहेगी। कारोबार में किसी मित्र का सहयोग मिल सकता है। सेहत का ध्यान रखें। मन अशान्त रहेगा। आत्मविश्वास में कमी आएगी। सन्तान को कष्ट हो सकता है। संचित धन में कमी आयेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जीवनसाथी से नोंकझोक हो सकती है।

🎍तुला राशि : (र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू, ते)

मानसिक शान्ति रहेगी, परन्तु आत्मविश्वास में कमी हो सकती है। माता-पिता का सानिध्य मिलेगा। वाहन के रखरखाव एवं वस्त्रों पर खर्च बढ़ सकते हैं। कारोबार की ओर ध्यान दें। कुछ कठिनाइयां आ सकती हैं। परिवार का साथ मिलेगा। शैक्षिक कार्यों के लिए यात्रा पर जा सकते हैं। धैर्यशीलता में वृद्धि होगी। परिवार में मान-सम्मान बढ़ेगा। मन में विपरीत विचारों के प्रभाव से बचें। खर्चों में वृद्धि होगी। परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान की यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है।

🎍वृश्चिक राशि : (तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यि, यू)

बातचीत में सन्तुलित रहें। किसी पुराने मित्र से पुनः सम्पर्क हो सकता है। परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं। वस्त्र उपहार में प्राप्त हो सकते हैं। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। मन में उतार-चढ़ाव रहेंगे। नौकरी में किसी दूसरे स्थान पर जाना पड़ सकता है। सेहत का ध्यान रखें। क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा के भाव मन में रहेंगे। किसी अज्ञात भय से परेशान हो सकते हैं। सुस्वादु खानपान में रुचि बढ़ेगी। किसी मित्र के सहयोग से धनार्जन के साधन विकसित हो सकते हैं।

🎍धनु राशि : (य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ, भे)

संयत रहें। व्यर्थ के क्रोध से बचें। शैक्षिक कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं। सचेत रहें। माता-पिता का साथ मिलेगा। सम्पत्ति के रखरखाव पर खर्च बढ़ सकते हैं। आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहेंगे। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। वाहन सुख की प्राप्ति हो सकती है। परिवार की जिम्मेदारी बढ़ सकती हैं। संतान को स्वास्थ्य विकार रहेंगे। खर्चों में वृद्धि होगी। परिश्रम की अधिकता रहेगी। शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी। नौकरी में अफसरों से मतभेद हो सकते हैं।

🎍मकर राशि : (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

मन अशान्त हो सकता है। आलस्य की अधिकता रहेगी। किसी सम्पत्ति से आय के साधन बन सकते हैं। वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है। खर्चों में वृद्धि होगी। नौकरी में परिवर्तन की सम्भावना बन रही है। किसी दूसरे स्थान पर जाना हो सकता है। भवन या सम्पत्ति से आय के साधन बन सकते हैं। अफसरों से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। मित्रों का सहयोग मिलेगा। सन्तान सुख में वृद्धि होगी। परिवर्तन के योग बन रहे हैं।

🎍कुम्भ राशि : (गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो, द)

किसी मित्र के सहयोग से नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। आय में वृद्धि होगी, परन्तु यात्रा खर्च भी बढ़ सकते हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। भाग-दौड़ बढ़ेगी। परिवार के साथ यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। लेखनादि-बौद्धिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। कार्यों के प्रति जोश एवं उत्साह में वृद्धि होगी। बहनों के सहयोग से कोई नया कारोबार शुरू हो सकता है। लाभ के अवसर मिलेंगे। नौकरी में अफसरों से मतभेद रहेंगे। मन प्रसन्न रहेगा।

🎍मीन राशि : (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची)

आत्मसंयत रहें। अपनी भावनाओं को वश में रखें। सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नौकरी में तरक्की के मार्ग प्रशस्त हो सकते हैं। किसी मित्र का सहयोग भी मिल सकता है। सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। रहन-सहन अव्यवस्थित हो सकता है। खर्च अधिक रहेंगे। मन अशान्त रहेगा। स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है। अनियोजित खर्चों में वृद्धि होगी। आय में व्यवधान आ सकते हैं। धैर्यशीलता में कमी रहेगी। कार्यभार में वृद्धि हो सकती है।

🎍(पं. देव नारायण उपाध्याय, वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य श्री स्वयंभू प्रकटेश्वर प्राचीन हनुमान मंदिर पानीपत) 🎍 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏