एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी ने बुधवार को पहला C-295 परिवहन विमान भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को सौंपा। आईएएफ चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने विमान में उड़ान भरी। भारतीय वायु सेना को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से सरकार ने ‘एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी’ के साथ दो साल पहले 21,935 करोड़ रुपये में 56 C-295 परिवहन विमानों को खरीदने का सौदा किया था।
एयरबस के एक अधिकारी के मुताबिक, भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी पहले सी-295 विमान को लेने के लिए स्पेन के सेविले जाएंगे। भारत ने सितंबर 2021 में 56 सी-295 सैन्य परिवहन विमान की आपूर्ति के लिए एयरबस के साथ समझौता किया था। समझौते के मुताबिक, वड़ोदरा में एयरबस के साथ साझेदारी में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा स्थापित संयंत्र में 40 विमान बनाए जाएंगे।

बता दें कि स्पेन के सेविले शहर में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय वायु सेना प्रमुख वी.आर. चौधरी को एयरबस कंपनी के उत्पादन संयंत्र में यह विमान सौंपा गया। इस समझौते के तहत एयरबस 2025 तक सेविले में शहर में अपने उत्पादन संयंत्र से ‘फ्लाई-अवे’ (उड़ान के लिये तैयार) स्थिति में 16 C-295 विमानों की आपूर्ति करेगा।
यह विमान विशेष अभियानों के साथ-साथ आपदा की स्थिति और समुद्री तटीय क्षेत्रों में गश्ती कार्यों को पूरा करने में सक्षम है। पिछले साल इस समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद एयरबस ने कहा कि C-295 कार्यक्रम के तहत कंपनी अपने औद्योगिक भागीदारों के सहयोग से विमान निर्माण और उनके रख-रखाव की विश्व स्तरीय सुविधाएं भारत में लाएगी।
22 हजार करोड़ का हुआ है करार
C-295 एमडब्लयू एयरबस के लिए पिछले साल सितंबर में रक्षा मंत्रालय और स्पेन की एयरबस डिफेंस के बीच 22 हजार करोड़ रुपए का करार हुआ था। इसके करार के तहत, स्पेस की एयरबस डिफेंस 56 सी-295 विमानों की सप्लाई करेगी। ये विमान 5 से 10 टन क्षमता का एक ट्रांसपोर्ट विमान है। ये विमान वायु सेना के पुराने एवरो विमानों की जगह लेगा। डिफेंस मिनिस्ट्री और स्पेन एयरबस के बीच हुई डील के अनुसार, इन 56 विमानों में से 16 को स्पेन में बनाया जाएगा। जबकि 40 को भारत में मेक-इन-इंडिया के तहत बनाया जाएगा। इन सभी 56 विमानों में स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट लगाए जाएंगे।

क्या है सी-295 ट्रांसपोर्ट विमान
सी-295 एक विशेष ट्रांसपोर्ट मिलिट्री विमान है, जिसका निर्माण टाटा संस करेगी। भारतीय वायु सेना, टाटा और स्पेन की कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के बीच करार हुआ है। इस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में से 16 विमान स्पेन से 2023 से 2025 के बीच आएंगे, जबकि 40 विमान वडोदरा में 2026 से 2031 के बीच बनेंगे। भारतीय वायु सेना ने बताया कि इस एयरबस की एक विशेषता है कि ये बाकी सैन्य परिवहन विमानों की तुलना में छोटे रनवे से उड़ान भरने में सक्षम होंगे। ऐसे में इसका उपयोग सैनिकों के मूवमेंट और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती करने के लिए किया जाएगा।
विमान की खासियत
रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि 5-10 टन क्षमता वाला यह परिवहन विमान कई स्थितियों में अलग-अलग मिशनों को अंजाम दे सकता है। इसमें 11 घंटे तक उड़ान भरने के साथ-साथ कम जगह पर टेक ऑफ लैंडिंग की विशेषता भी है। खास बात है कि यह नियमित रूप से रेगिस्तान से समुद्री वातावरण तक में दिन के साथ-साथ रात के युद्ध अभियानों को संचालित कर सकता है। सी-295, 9 पेलोड या 71 जवानों या 45 पैराट्रूपर्स को ले जाने में सक्षम है। साथ ही यह 480 किमी प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से मिशन को अंजाम दे सकता है।

स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर से लैस होंगे सूट
सरकार ने जानकारी दी थी कि सभी 56 विमान भारतीय डीपीएसयू- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड में तैयार हुए स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस होंगे। भारतीय वायुसेना को 56 विमानों की डिलीवरी पूरी होने के बाद, एयरबस डिफेंस एंड स्पेस को भारत में निर्मित विमानों को सिविल ऑपरेटरों को बेचने और उन देशों को निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी, जिन्हें भारत सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है।