देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आज वीरवार को 30 से अधिक ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की है। इसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का घर भी शामिल है। समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों के अनुसार सीबीआई की यह छापेमारी केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में की जा रही है। सीबीआई की टीम सत्यपाल मलिक के उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित उनके पैतृक गांव हिसावदा में सुबह गाजियाबाद से सीबीआई की टीम पहुंची। यहां तीन घंटे की जांच पड़ताल के बाद टीम वापस लौट गई। बताया जा रहा है कि टीम को कोई संदिग्ध दस्तावेज या रिकॉर्ड नहीं मिला है। टीम में स्थानीय पुलिस सहित 5 सदस्य शामिल रहे।
बताया जा रहा है कि गांव हिसावदा में सत्यपाल मलिक की केवल एक पुरानी हवेली है, जो जर्जर हालत में ही है। यहां सीबीआई की टीम ने सत्यपाल मलिक के परिवार के सतबीर मलिक उर्फ हिटलर के घर पहुंचकर बातचीत की। बता दें कि टीम ने उनसे सत्यपाल मलिक की संपत्ति से जुड़ी व अन्य जानकारी ली। सीबीआई टीम के साथ स्थानीय पुलिस भी मौजूद रही। इस दौरान किसी के भी अंदर जाने और बाहर आने पर रोक लगा दी गई। तकरीबन 3 घंटे बाद टीम के सदस्य वापस लौट गए। टीम में गाजियाबाद सीबीआई के पीसी अमित कुमार सिंह, पीसी वीरेंद्र कुमार, बागपत कोतवाली पुलिस के आईपीएस रमा वर्मा, आईपीएस सुरेंद्र सिंह, पीसी विशाल पंवार शामिल रहे।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक सरकार के आलोचक भी रहे हैं। वह किसानों और महिला पहलवानों के प्रदर्शन के मुद्दे पर सरकार की आलोचना कर चुके हैं। हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब सीबीआई ने किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट मामले में सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर छापेमारी की है। पिछले साल मई 2023 में भी सीबीआई ने इसी मामले में 12 जगहों पर छापेमारी की थी। जिसमें से एक लोकेशन सत्यपाल मलिक के पूर्व सहयोगी की थी। जांच एजेंसी ने सौनक बाली के यहां छापेमारी की थी, जो सत्यपाल मलिक का मीडिया एडवाइजर रह चुका था।
सीबीआई की इन 30 लोकेशन पर छापेमारी
सीबीआई की ओर से आज जिन 30 लोकेशन पर छापेमारी की गई है। उसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों की कई जगह शामिल हैं। सत्यपाल मलिक और उनके करीबियों के यहां छापेमारी की गई है। साथ ही कीरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के अधिकारियों के यहां भी छापा मारा गया है। बताया जाता है कि पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू कश्मीर में दो परियोजनाओं में 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की शिकायत की थी। उसके बाद सीबीआई ने अप्रैल 2022 में 5 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी। इस परियोजना में 2200 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रेक्ट देने गड़बड़ी के आरोप हैं।
मलिक का एक्स पर पोस्ट : किसान का बेटा हूं और छापों से नहीं घबराऊंगा
सीबीआई के वीरवार को छापे के बाद सत्यपाल मलिक का बयान सामने आया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि किसान का बेटा हूं और छापों से नहीं घबराऊंगा। वह किसानों के साथ हैं। उन्होंने लिखा है कि वह 3-4 दिन से बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। इसके बावजूद उनके मकान में तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाएं जा रहें हैं। उनके ड्राईवर और सहायक के ऊपर भी छापे मारकर उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है।
क्या है 300 करोड़ से जुड़ा मामला?
जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में कथित भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई तलाशी अभियान चला रही है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपने कार्यकाल के दौरान आरोप लगाया था कि उन्हें किश्तवाड़ में कीरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। कीरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (624 मेगावाट), एक रन-ऑफ-रिवर योजना, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर प्रस्तावित है, जो कि किश्तवाड़ से लगभग 42 किलोमीटर दूर है। इस परियोजना में 135 मीटर ऊंचे बांध और 156 मेगावाट की 4 इकाइयों के साथ एक भूमिगत पावर हाउस के निर्माण के लिए परिकल्पित किया गया है।
सत्यपाल मलिक ने 17 अक्तूबर 2021 को राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते करोड़ों की रिश्वत ऑफर हुई थी। उस दौरान उनके पास दो फाइलें आई थी। इनमें एक बड़े उद्योगपति और दूसरी महबूबा मुफ्ती और भाजपा की गठबंधन सरकार में मंत्री रहे एक व्यक्ति की थी। मलिक ने कहा था कि उनके सचिवों ने बताया कि इसमें घोटाला है। इसके बाद उन्होंने दोनों डील रद्द कर दी थी। मलिक का कहना था कि उन्हें दोनों फाइलों के लिए 150-150 करोड़ रुपये देने का ऑफर दिया गया था। ऐसे में उनका कहना था कि मैं पांच कुर्ता-पायजामे के साथ आया हूं और सिर्फ उसी के साथ यहां से चला जाऊंगा। जब सीबीआई इस बारे में पूछेगी तो मैं ऑफर देने वालों के नाम भी बता दूंगा।
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का सियासी सफर
उत्तर प्रदेश के बागपत निवासी सत्यपाल मलिक ने मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई की है। उनके सियासी करियर की शुरुआत वर्ष 1974 में बागपत से विधायक के रूप में हुई थी। वर्ष 1980 में वह लोकदल से संसद के उच्च सदन राज्यसभा पहुंचे। फिर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से सांसद बनें। वर्ष 1996 में समाजवादी पार्टी (सपा) का इसी सीट पर टिकट मिला, लेकिन मलिक चुनाव में हार गए। इसके बाद वर्ष 2004 में सत्यपाल मलिक भाजपा का हिस्सा बने और चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार भी हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2012 में वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए और फिर उन्हें एक-एक करके 4 राज्यों के राज्यपाल की जिम्मेदारी (बिहार-2017 में, जम्मू कश्मीर-2018, गोवा-2019 और मेघालय-2020) सौंपी गई।
प्रधानमंत्री मोदी की कर चुके हैं आलोचना
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने पीएम मोदी की सरकार को पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि सीआरपीएफ ने जम्मू से श्रीनगर अपने जवानों को ले जाने के लिए 4 एयरक्राफ्ट मांगे थे, लेकिन गृह मंत्रालय ने उनके अनुरोध पर एक्शन नहीं लिया। जिसकी वजह से उन्हें सड़क के रास्ते जाना पड़ा और पुलवामा हमला हो गया। वहीं सत्यपाल मलिक किसानों के मुद्दे पर भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा था कि जब मैंने किसानों से बात करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहा तो उन्होंने मुझसे कहा कि किसान खुद ही चले जाएंगे। फिर दो महीने बाद कृषि कानूनों को वापस ले लिया। तब से ही उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत बंद हो गई।