दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रचंड जीत के बाद से ही नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर कयासों का दौर जारी था। अब सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रवेश वर्मा के नाम पर सहमति जता दी है। इतना ही नहीं, डिप्टी सीएम और संभावित मंत्रियों के नाम की चर्चा भी तेज हो गई है।
चुनाव परिणाम और मुख्यमंत्री पद की दौड़
दिल्ली चुनावों में बीजेपी को व्यापक जनसमर्थन मिला, जिससे पार्टी को विभिन्न समुदायों और वर्गों के बीच मजबूत पकड़ बनाने में मदद मिली। इस जीत के बाद पार्टी नेतृत्व के सामने एक बड़ी चुनौती यह थी कि मुख्यमंत्री पद के लिए सही उम्मीदवार का चयन किया जाए। इस दौड़ में प्रवेश वर्मा, सतीश उपाध्याय, विजेंद्र गुप्ता सहित कई नामों की चर्चा थी।
प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे क्यों?
- केजरीवाल को हराने का इनाम: प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराया। बीजेपी इस जीत को एक प्रतीकात्मक संदेश के रूप में देख सकती है और उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर AAP के प्रभाव को कमजोर कर सकती है।
- जाट समुदाय का समर्थन: वर्मा जाट समुदाय से आते हैं, जो दिल्ली और हरियाणा की राजनीति में प्रभावशाली भूमिका निभाता है। बीजेपी इस समर्थन को अपने पक्ष में बनाए रखना चाहती है।
- हिंदुत्व कार्ड: प्रवेश वर्मा की छवि एक फायरब्रांड नेता की रही है, जो हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों पर मुखर रहे हैं। बीजेपी इस छवि का लाभ उठाकर अपनी हिंदू वोटबेस को और मजबूत कर सकती है।
डिप्टी सीएम और अन्य महत्वपूर्ण चेहरे
बीजेपी दिल्ली में सत्ता संभालने के साथ ही कुछ नए प्रयोग करने की तैयारी में है। कपिल मिश्रा को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें हैं। वे ब्राह्मण समुदाय से आते हैं, जिससे पूर्वांचली और ब्राह्मण वोटबेस को साधने में मदद मिल सकती है। उनकी छवि भी हिंदुत्ववादी नेता की रही है, जो बीजेपी की रणनीति को मजबूती दे सकती है।
इसके अलावा अरविंदर सिंह लवली (पूर्व कांग्रेस नेता), विजेंद्र गुप्ता (पूर्व नेता प्रतिपक्ष), शिखा राय (पूर्व मेयर), मोहन सिंह बिष्ट (संभावित विधानसभा अध्यक्ष) के नाम की चर्चा भी जोरों पर है। बीजेपी का यह फैसला दिल्ली में दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है। पार्टी केवल वर्तमान सरकार नहीं बना रही, बल्कि 2029 के आम चुनावों के लिए भी रणनीतिक रूप से तैयारी कर रही है। दिल्ली में बीजेपी के मुख्यमंत्री और सरकार के गठन को लेकर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।