Diwali 2023 : हर वर्ष दिवाली का त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। दिवाली का पर्व धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है। इस त्योहार का उत्सव केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी देखने को मिलता है। इस दिन भगवान श्री गणेश और देवी मां लक्ष्मी की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। माना जाता है कि इससे साधक को धन-धान्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दिवाली का त्योहार भारतीय संस्कृति का गौरव है, क्योंकि दीपावली में अंधकार पर प्रकाश की जीत का उत्सव मनाया जाता है। ब्रह्म पुराण कहता है कि कार्तिक अमावस्या की आधी रात में लक्ष्मी उन लोगों के घर भ्रमण करती हैं, जहां साफ-सफाई, शांति और प्रकाश हो, इसलिए घर को साफ और सजाकर दीपावली मनाने की परंपरा है। इससे लक्ष्मी खुश होती हैं और लंबे समय तक घर में रहती हैं। साधक को धन-धान्य का आशीर्वाद देती हैं। हर साल लोगों को दिवाली का बेसब्री से इंतजार रहता है। जानें इस साल दिवाली कब मनाई जाएगी और लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त।

दिवाली का महत्व
मार्कंडेय पुराण के अनुसार जब धरती पर सिर्फ अंधेरा था, तब एक तेज प्रकाश के साथ कमल पर बैठी देवी प्रकट हुईं। वह मां लक्ष्मी थीं। उनके प्रकाश से ही संसार बना, इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजन की परंपरा हैं। दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन करने से धन की कभी कमी नहीं होती। दिवाली के दीप जीवन में सकारात्मकता लाते हैं। अंधकार रूप समस्या पर प्रकाश डालकर उसका नाश करते हैं। वहीं कार्तिक माह की अमावस्या श्रीराम के अयोध्या लौटने के स्वागत में दीपावली मनाने की परंपरा है।

मान्यताओं के अनुसार दिवाली का दिन बहुत शुभ होता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे तो उनका स्वागत दीपोत्सव के साथ किया गया था। ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाएं तो परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती हैं। हालांकि पूजन के दौरान की गई गलतियां आपके ऊपर भारी भी पड़ सकती हैं। दरअसल दिवाली की पूजा के दौरान मां लक्ष्मी को क्या प्रिय है और क्या अप्रिय है। इसका ध्यान रखना बेहद जरूरी है। ऐसा करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। साथ ही गलतियां होने की आशंका भी कम रहती है।

दिवाली 2023 12 या 13 नवंबर में कब?
इस वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और कार्तिक अमावस्या तिथि 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म में उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए त्योहार मनाया जाता है, लेकिन दिवाली में लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए इस बार दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी।

यह रहेगा दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजन के लिए (प्रदोष काल समय) 12 नवंबर को शाम 5:39 बजे से प्रारंभ होकर रात 7:35 बजे तक रहेगा। वृषभ काल शाम 5:39 बजे से प्रारंभ होकर रात 7:35 बजे तक रहेगा। लक्ष्मी पूजन के लिए (निशिता काल समय) 12 नवंबर को रात 11:39 बजे से 13 नवंबर को प्रात: 12:32 बजे तक रहेगा। वहीं सिंह लग्न 13 नवंबर को प्रात: 12:10 बजे से 2:27 बजे तक रहेगा।

इस मंत्र का करें जाप
दिवाली की रात को कमल गट्टे की माला से ‘ॐ कमलायै नमः’ मंत्र का 41 माला जाप करें। दिवाली के दिन रात्रि में साफ-सुथरे व नए वस्त्र पहनकर महालक्ष्मी स्तोत्र, विष्णु सहस्रनाम, गोपाल सहस्रनाम का पाठ करें। इससे साधक पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती। मां लक्ष्मी का वास घर में सदैव बना रहता है। जीवन में सफलता के मार्ग खुलते चले जाते हैं।
हर कार्यक्षेत्र में मिलती है सफलता
दिवाली के दिन सूर्योदय से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक अखंड दीपक जलाएं। साथ ही दिवाली पर शुभ मुहूर्त में घर या अपने कार्यस्थल पर श्रीयंत्र और महालक्ष्मी यंत्र स्थापित करें। ऐसा करने से साधक पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद सदैव बना रहता है। साथ ही उसे हर कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

पूजन में जरूर रखें यह चीजें
कौड़ी और गोमती चक्र देवी मां लक्ष्मी को बेहद प्रिय माने गए हैं। ऐसे में दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के दौरान पूजा में 5 पीली कौड़ी और 9 गोमती चक्र जरूर रखें है। अगले दिन इन कौड़ी और गोमती चक्र को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। माना जाता है कि ऐसा करने से मनुष्य की तिजोरी कभी खाली नहीं रहती और सदैव लक्ष्मी का वास रहता है। घर में खुशहाली बनी रहती है।
इस दिन मनाएं जाएंगे यह त्योहार
धनतेरस – 10 नवंबर 2023
नरक चतुर्दशी – 12 नवंबर 2023
दिवाली – 12 नवंबर 2023
गोवर्धन पूजा – 14 नवंबर 2023
भाई दूज – 15 नवंबर 2023

दिवाली पर इन गलतियों को करने से बचें
पूजा के पंडाल में भगवान श्री गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति का मुख पूर्व दिशा में रखें। पूजा में चांदी का सिक्का और कमल का फूल भी अवश्य रखें। भूलकर भी मुरझाए हुए फूल को मंदिर में न रखें।
दिवाली पर साफ-सफाई का अधिक महत्व है। इस दौरान घर में कोई भी कबाड़ का सामान न रखें। यहीं नहीं घर से खराब घड़ी, फटे-पुराने कपड़े, अन्य कबाड़ के समान को जरूर निकाल दें।
दिवाली के दिन घर में गंदगी नहीं होनी चाहिए। कहा जाता है कि जिस घर में गंदगी होती हैं, वहां मां लक्ष्मी प्रवेश नहीं करती। इसलिए घर व पूजा स्थल को जरूर साफ कर लें।

पूजा के समय घर के दरवाजे बंद न करें। आमतौर पर दिवाली की रात में कुछ लोग घर की लाइट भी बंद कर देते हैं। हालांकि ऐसा करना सही नहीं है। दिवाली के दिन और रातभर घर में उजाला रखें।
दिवाली खुशियों का त्योहार है। सबके साथ मिलकर मनाई जाने वाली दिवाली सभी के लिए खास है। संभव हो तो संयुक्त परिवार के साथ मिलकर ही यह पर्व मनाएं।
इस दिन भूलकर भी फटे-पुराने कपड़े न पहने। दरअसल फटे हुए कपड़े दरिद्रता की निशानी माने गए हैं। ऐसे में उनको पहनना अशुभ माना जाता है।
दिवाली के दिन घर की रसोई में कुछ भी ऐसा न बनाएं, जिससे आपके देवी-देवता और मां लक्ष्मी नाराज हो जाएं। इस दौरान भूलकर भी मांसाहारी भोजन घर में ना बनाएं।