● डीआरडीओ ने सुखोई विमान से 1000 किलो वर्ग का ग्लाइड बम ‘गौरव’ किया सफलतापूर्वक परीक्षण
● 100 किमी की दूरी तक सटीक निशाना साधने में मिली सफलता
● जल्द ही भारतीय वायुसेना में होगा शामिल, बढ़ेगी मारक क्षमता
DRDO Gaurav: भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए स्वदेशी तौर पर विकसित लंबी दूरी के ग्लाइड बम ‘गौरव’ का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण 8 अप्रैल से 10 अप्रैल तक किया गया और इसमें सुखोई-30 एमकेआई विमान से इस बम को दागा गया। गौरव बम 1,000 किलोग्राम श्रेणी का है और लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तक सटीकता के साथ लक्ष्य भेदने में सक्षम है।
इन परीक्षणों के दौरान इसे विभिन्न ग्राउंड और द्वीप लक्ष्यों पर दागा गया, जहां उसने शानदार सटीकता का प्रदर्शन किया। गौरव बम को डीआरडीओ के अनुसंधान केंद्र इमारत (हैदराबाद) द्वारा पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और सहयोगी उद्योगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस ग्लाइड बम की वायुसेना में तैनाती से भारत की सशस्त्र सेनाओं की मारक क्षमता में भारी इज़ाफा होगा। यह परीक्षण इस बात का संकेत है कि भारत अब स्वदेशी तकनीक के दम पर रणनीतिक हथियार प्रणालियों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से अग्रसर है।