फ्रांस में हुए मानव तस्करी के शक में फंसे 300 भारतीयों की कहानी कुछ इस प्रकार है। फ्रांस की एक कोर्ट ने एक प्लेन को उड़ान भरने की इजाजत दे दी है, जो भारतीयों को ले कर कल मुंबई एयरपोर्ट पहुंचेगा। इसमें सोमवार को 2:20 बजे भारत आने की जानकारी थी। यह निर्णय एक फ्रांसीसी कोर्ट के आदेश के बाद आया, जिसके बाद रविवार को 4 जजों ने हिरासत में रखे गए यात्रियों से पूछताछ करने के बाद लिया गया था।
आदेश के अनुसार प्लेन में मौजूद 2 लोगों को अलग रखा गया है और उनसे तीखे सवालात किए गए हैं। सभी यात्री कामगार थे, जो निकारागुआ के रास्ते अमेरिका और कनाडा भेजे जा रहे थे। रिपोर्ट्स के अनुसार इनमें से 300 में एक 21 महीने का बच्चा और 11 नाबालिग भी शामिल थे, जिनके माता-पिता उनके साथ नहीं थे। इन भारतीयों को दुबई से निकारागुआ जाने वाले विमान में फ्रांस में शक हो गया था कि इसमें मानव तस्करी का हाथ है। इसके बाद फ्रांस के अधिकारियों ने इसे वाट्री एयरपोर्ट पर रोका और यात्रियों को वहां हिरासत में रखा। इन यात्रियों के साथ 10 लोग फ्रांस में ही शरण मांगने के लिए आगे बढ़े थे।

रोमानिया की चार्टर कंपनी का था प्लेन
घटनाओं के बाद फ्रांस की कोर्ट ने इन यात्रियों की सुनवाई का समय बढ़ा दिया था, जिसके बाद उन्हें फ्रांस से बाहर जाने का आदान-प्रदान होने का ऐलान हुआ। इसके पहले इन्हें 4 दिनों तक हिरासत में रखा जा रहा था, जो फ्रांस में विदेशी नागरिकों के लिए सामान्य नियम हैं। यह प्लेन रोमानिया की एक चार्टर कंपनी का था और उसे वाट्री एयरपोर्ट पर रोका गया था।

घटना से जुड़ी जांच में जुटी पुलिस
प्लेन को रोकने के बाद फ्रांसीसी पुलिस ने सभी यात्रियों को वहां हिरासत में रखा और पूछताछ की गई। वाट्री एयरपोर्ट पर रिसेप्शन हॉल को वेटिंग एरिया में बदला गया और वहां सभी यात्री रखे गए। बच्चों के लिए एड-हॉक ट्यूटर भी वहां थे, ताकि उनकी पढ़ाई बनी रहे। फ्रांस की एंटी ऑर्गनाइज्ड क्राइम यूनिट इस मामले की जांच कर रही है। इस प्लेन में सवार भारतीयों को बरामद करने के बाद पुलिस के मुताबिक घटना से जुड़ी जांच जारी है।
