New Delhi जल्द ही देश के सबसे बड़े और आधुनिक गोल्ड बाजारों में से एक देश की राजधानी में बनने जा रहा है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 3.91 हेक्टेयर भूमि पर एक भव्य गोल्ड मार्केट तैयार किया जाएगा, जहां सोने और आभूषणों का खुदरा और थोक व्यापार सुगम तरीके से संचालित हो सकेगा।

कैसा होगा गोल्ड मार्केट
डीडीए ने दिल्ली के द्वारका में इस बाजार को ‘एक वन-स्टॉप डेस्टिनेशन’ के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है, जहां ग्राहकों और व्यापारियों की सभी जरूरतों को ध्यान में रखा जाएगा। इस बाजार को दुबई के मशहूर गोल्ड सुक से प्रेरित होकर डिजाइन किया जाएगा, जिसमें हाई-एंड ज्वेलरी बुटीक, सोने की खुदरा और थोक दुकानों के साथ-साथ व्यापारियों के लिए सर्विस अपार्टमेंट और विशेष कमर्शियल स्पेस भी होंगे।

क्या होंगी प्रमुख सुविधाएं
- आभूषण व्यापारियों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए शोरूम
- थोक और खुदरा कारोबार के लिए अलग-अलग ज़ोन
- व्यापारियों और निवेशकों के लिए आधुनिक कमर्शियल स्पेस
- गोल्ड ट्रेडर्स और ग्राहकों के लिए हाई-सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर
- बड़ी संख्या में ग्राहकों के लिए विशाल कार पार्किंग सुविधा

डीडीए ने मांगा एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट
डीडीए ने इस परियोजना के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) जारी किया है, जिससे निवेशक और व्यापारी अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें। प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट को तेजी से विकसित करने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिससे द्वारका क्षेत्र को भारत के सबसे बड़े गोल्ड ट्रेडिंग हब के रूप में स्थापित किया जा सके।
नजदीक ही रिहायशी क्षेत्र भी विकसित होगा
इस गोल्ड बाजार के नज़दीक रिहायशी प्रोजेक्ट भी विकसित किए जा रहे हैं। जहां LIG फ्लैट्स की कीमत 28 लाख से 62 लाख रुपये तक होगी। MIG फ्लैट्स की कीमत 85 लाख से 1 करोड़ रुपये तक होगी।
इस क्षेत्र में निवेश करने वाले व्यापारियों को न केवल व्यापार का लाभ मिलेगा, बल्कि उनके लिए लग्जरी अपार्टमेंट्स भी उपलब्ध होंगे।

द्वारका को मिलेगी नई पहचान
डीडीए के अनुसार गोल्ड बाजार का उद्देश्य व्यापारियों और ग्राहकों को एक सहज और सुरक्षित माहौल देना है, जिससे दिल्ली एक इंटरनेशनल गोल्ड ट्रेडिंग सेंटर के रूप में उभर सके। द्वारका में बनने वाला यह गोल्ड बाजार न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा व्यापारिक अवसर लेकर आएगा। अगर यह योजना सफल होती है तो यह बाजार भारत के आभूषण व्यापार का सबसे बड़ा केंद्र बन सकता है और दिल्ली को एक नए ग्लोबल ज्वेलरी हब के रूप में स्थापित कर सकता है।