INDIA VS BHARAT को लेकर पिछले महीने से पूरे देश में विपक्ष लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है। इस बीच मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक और बड़ा कदम उठाया है। नई दिल्ली में शनिवार को G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस टेबल से संबोधित किया, उस टेबल पर कंट्री प्लेट में देश का नाम इंडिया की बजाय भारत लिखा हुआ था।
खास बात यह इसलिए भी है, क्योंकि इससे पहले जब भी प्रधानमंत्री किसी अंतरराष्ट्रीय मंच को संबोधित करते थे, तो उनके टेबल पर रखी कंट्री प्लेट पर देश का नाम इंडिया लिखा होता था। अब अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भी इंडिया की बजाय भारत का नाम सामने आने पर विपक्षी को हमलावर बनने का रास्ता मिल गया है। अब सवाल यह उठता है कि इस मुद्दे को लेकर विपक्ष किस तरह हमलावर होता है, यह आने वाले समय बताएगा।
निमंत्रण पत्र के माध्यम से 5 सितंबर को हुई थी विवाद की शुरुआत
इंडिया बनाम भारत शब्द पर विवाद की शुरुआत 5 सितंबर को उस दौरान हुई, जब G-20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज के निमंत्रण कार्ड में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया था। निमंत्रण पत्र सामने आने के बाद विपक्ष ने हमलावर होते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश का नाम इंडिया शब्द के इस्तेमाल को बंद कर केवल भारत कहे जाने की योजना बना रही है। विपक्ष का आरोप था कि संसद का विशेष सत्र बुलाने का उद्देश्य भी यही है, ताकि इंडिया का नाम भारत कर दिया जाए।
अरविंद केजरीवाल, जयराम ने हमला, हेमंता ने की थी सराहना
G-20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज का निमंत्रण कार्ड सामने आने के बाद विपक्षियों ने पुरजोर से केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए इंडिया बनाम भारत के मुद्दे को उठाया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तंज कसते हुए कहा था कि इंडिया गठबंधन बनने से नाम बदला जा रहा है। ऐसे में इंडिया गठबंधन ने अपना नाम भारत रख लिया तो फिर क्या होगा।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने दावा किया था कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन के डिनर निमंत्रण पर प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया की बजाय प्रेसीडेंट ऑफ भारत लिखा गया है। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा था कि क्या यह खबर वाकई सच है। अब तो राज्यों के समूह पर भी खतरा है।
जयराम रमेश के ट्वीट के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि रिपब्लिक ऑफ भारत- खुश और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। हमारी सभ्यता अमृतकाल की ओर तेजी से बढ़ रही है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख ने भी उठाई थी मांग
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने इस बदलाव की मांग के लिए अपना समर्थन जताया था। मोहन भागवत ने देश के लोगों से इंडिया के बजाए भारत शब्द का उपयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा था कि देश को सदियों से भारत के रूप में जाना जाता है। कहा जा रहा है कि संसद के विशेष सत्र में इस बदलाव की मांग को पूरा करने के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया जा सकता है। फिलहाल स्पेशल सत्र का एजेंडा जारी नहीं किया गया है।
पीएम मोदी ने दी थी बयानबाजी से बचने की सलाह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया बनाम भारत का विवाद सामने आने के बाद 6 सितंबर को मंत्रियों के साथ बैठक की थी। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि वह इंडिया बनाम भारत के विवाद में किसी भी तरह की बयानबाजी न करें। जिन्हें बोलने के लिए अधिकृत किया जाए, केवल वहीं बयानबाजी करें। दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन को लेकर बैठक में सभी मंत्री मौजूद थे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि वह सभी को पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें विदेशी अतिथियों और उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ रहना है, इसलिए वह इस बात का विशेष ध्यान रखें कि किसी भी तरह के मुद्दे पर सोच समझकर बयानबाजी करें और इंडिया बनाम भारत के विवाद पर बयानबाजी न करें।