दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(Kejriwal) ने रविवार (2 जून) शाम 5 बजे तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण(surrendered in Tihar) किया। इससे पहले वे आम आदमी पार्टी(AAP) के दफ्तर गए और कार्यकर्ताओं से मिले। उन्होंने कहा ‘मैं देश की रक्षा के लिए जेल जा रहा हूं। मुझे नहीं पता कि कब वापस आऊंगा। वहां मेरे साथ क्या होगा, मुझे नहीं पता। वहीं कोर्ट(Court) ने 5 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल कल आए। याद रखिए, ये सारे एग्जिट पोल झूठे हैं। एक एग्जिट पोल ने राजस्थान में बीजेपी को 33 सीटें दी थीं, जबकि वहां केवल 25 सीटें हैं। असली सवाल यह है कि उन्हें ऐसा क्यों करना पड़ा? उन पर दबाव डाला गया होगा। केजरीवाल के आत्मसमर्पण के करीब 30 मिनट बाद ही राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 5 जून तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। एजेंसी ने केजरीवाल की हिरासत के लिए आवेदन दायर किया था, जो उनके अंतरिम जमानत पर होने के कारण पेंडिंग था।
ड्यूटी जज संजीव अग्रवाल ने सुनवाई के बाद आवेदन को स्वीकार कर लिया। केजरीवाल को जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। आत्मसमर्पण करने से पहले केजरीवाल राजघाट और हनुमान मंदिर गए दिल्ली के मुख्यमंत्री पहले दोपहर 3:30 बजे राजघाट पहुंचे। यहां उन्होंने महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद केजरीवाल कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में भी पूजा करने गए। फिर वे आम आदमी पार्टी के ऑफिस पहुंचे।
जमानत देने पर सुप्रीम कोर्ट का किया धन्यवाद
दिल्ली शराब नीति मामले में उनकी अंतरिम जमानत 1 जून को खत्म हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को चुनाव प्रचार के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दी थी। केजरीवाल ने जमानत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद किया। उन्होंने आज सोशल मीडिया पर लिखा, ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मैं 21 दिन के लिए चुनाव प्रचार करने बाहर आया। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का बहुत-बहुत धन्यवाद।
ईडी ने किया था 21 मार्च को गिरफ्तार
39 दिन बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए थे केजरीवाल केजरीवाल 10 मई को 39 दिन बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए थे। ED ने उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। इससे पहले जांच एजेंसी ने उन्हें 9 समन भेजे थे, लेकिन केजरीवाल एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं गए थे। गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल शुरू के 10 दिन ED की हिरासत में रहे। 1 अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था। 10 मई तक यानी 39 दिन उन्होंने तिहाड़ में बिताए। 10 मई की शाम वे जेल से बाहर आए थे।