I.N.D.I.A Alliance : I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं की चौथी बैठक दिल्ली के अशोका होटल में हुई। जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश के प्रधानमंत्री कैंडिडेट के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर मोहर लगाने का सुझाव रखा। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनका समर्थन किया। यह जानकारी बैठक के बाद एमडीएमके (मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) के सांसद वाइको की ओर से दी गई। हालांकि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री पद पर चेहरे के सवाल पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मौन दिखाई दिए।
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पहले हम सभी को लोगों को जीत दर्ज करनी है। इस बात पर पहले विचार करना उचित नहीं होगा, बल्कि इस पर काम किया जाए। अगर हमारे पास सांसद नहीं होंगे तो प्रधानमंत्री चेहरे के बारे में हमारा निर्णय लेना गलत होगा। इस बैठक में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और आरएलडी से जयंत चौधरी शामिल हुए। बैठक में इन नेताओं सहित 28 पार्टियों के नेता मौजूद रहे। प्रधानमंत्री के चेहरे पर उठे प्रस्ताव का केजरीवाल सहित 12 पार्टियों ने समर्थन किया और चुनाव में दलित चेहरे के साथ जाने के फायदे गिनाए।
हालांकि इस प्रस्ताव को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और जदयू नेता नीतीश कुमार के नाराज होने की चर्चा हैं। माना जा रहा है कि ममता के प्रस्ताव से खफा होकर नीतीश और लालू ने बैठक छोड़ दी। दोनों संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही होटल से चले गए। जिसको लेकर चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है। सूत्रों की मानें तो जब ममता बनर्जी ने खड़गे के नाम का प्रस्ताव रखा तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित अन्य दलों के नेताओं ने चुप्पी साध ली। माना जा रहा है कि खड़गे के नाम पर तत्काल विरोध सामने नहीं आया। संभावना जताई जा रही है कि अगर इस विषय पर बात हुई तो सहमति बनाने के प्रयास हो सकते हैं।
वहीं बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना था कि चौथी बैठक में 28 पार्टियों ने हिस्सा लिया। नेताओं ने अपने विचार गठबंधन के सामने रखें। लोगों के हित में सबको मिलकर अपना काम करना होगा और मुद्दों को उठाना होगा। उन्होंने बताया कि देशभर में कम से कम 10 बैठकें करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि देश की संसद से भाजपा सरकार में सांसदों को निलंबित किया जा रहा है। यह अलोकतांत्रिक है। इसके लिए सबको मिलकर एकमत होकर लड़ाई लड़नी होगी। जिसके लिए हम तैयार हैं।