Poila Baisakh Bengali New Year 2024 : भारत में हर एक समुदाय की अपनी एक खास संस्कृति है। वैसे ही बंगाली समुदाय में पोइला बोइशाख का अपना विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन से बंगालियों के नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है। पोइला बोइशाख को पोहेला बैसाख के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को बंगाली लोग धूमधाम और श्रद्धा भाव के साथ मनाते हैं। साथ ही किसान भगवान से अपनी अच्छी फसल की प्रार्थना करते हैं, क्योंकि इस दिन से नई फसल के मौसम की शुरुआत होती है।
बता दें कि ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार जनवरी माह की पहली तारीख को नया साल मनाया जाता है, लेकिन अलग-अलग धर्म और समुदाय में नए साल को मनाने के दिन और साल में अंतर होता है। बांग्ला कैलेंडर की शुरुआत बैसाख महीने से होती है। बैसाख के पहले दिन को नए साल के रूप में मनाया जाता है। बंगाली समुदाय के लोग व्रत-त्योहार, शादी-विवाह या अन्य शुभ-मांगलिक कार्यों के लिए बांग्ला कैलेंडर का अनुसरण करते हैं। बांग्ला कैलेंडर की शुरुआत 594 ईस्वीं से मानी जाती है। वर्ष 2024 में बंगाली कैलेंडर यानि बांग्ला सान या बंगबडा 1430 है। इसके अनुसार बैसाख का महीना शुरू होने जा रहा है।

यह शुभ दिन हर साल बैसाख महीने के पहले दिन मनाया जाता है। इस साल यह 14 अप्रैल को भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन का इंतजार लोग पूरे साल बेसब्री से इंतजार करते हैं, जो कि आज पूरा हो चुका है। बता दें पोइला बैसाख नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। बैसाख महीने के पहले दिन को बंगाली समुदाय में नए साल के आगमन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, गणेश-लक्ष्मी की पूजा की जाती है, घर पर स्वादिष्ट भोजन बनाए जाते हैं और नए कपड़े पहनकर दोस्तों और रिश्तेदारों के घर पर आना-जाना होता है।
बताया जाता है कि कि बंगाली नया साल या पोइला बैसाख हर साल 14 या 15 अप्रैल को पड़ता है। मान्यता है कि पोइला बैसाख की परंपरा मुगलकाल से चली आ रही है। सबसे पहले इसे फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता था, लेकिन 18वीं और 19वीं सदी की शुरुआत में पोइला बैसाख मनाने के महत्व में तेजी आई। अब यह त्योहार पूरे पश्चिम बंगाल में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। राज्य में इस दिन अवकाश भी होते हैं। पश्चिम बंगाल के साथ ही बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भी इस दिन को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
बता दें कि अंग्रेजी में जिस तरह से नए साल के दिन लोग एक दूसरे को हैप्पी न्यू ईयर कहकर नए साल की बधाई देते हैं। ठीक इसी तरह से बंगाली में बंगाली नववर्ष की बधाई या शुभकामना देने के लिए लोग शुभो नोबो बोरसो कहा जाता है। यहां शुभो का अर्थ है शुभ, नोबो का अर्थ नया और बोरसो का अर्थ वर्ष है। अर्थात नव वर्ष की शुभकामना।
पोइला बोइशाख मनाने का तरीका?
पोइला की शुरुआत लोगों द्वारा भगवान से आशीर्वाद लेने के साथ होती है।
बंगाली व्यवसाय के मालिक इस दिन को हाल खाता नामक एक नई लेखांकन पुस्तक की शुरुआत के रूप में मनाते हैं।
इस दिन समृद्ध जीवन के लिए भगवान गणेश और लक्ष्मी की विशेष पूजा का विधान है।
नए साल का स्वागत करने के लिए लोग इस दिन अपने घरों को फूलमालाओं और अल्पनाओं से सजाते हैं।
कहा जाता है कि यह अवसर स्वादिष्ट व्यंजनों के बिना अधूरा माना जाता है।
इस दिन को विशेष बनाने के लिए लोग अक्सर शुक्तो, चोलर दाल, शोरशे इलिश जैसे बंगाली खाने की चीजें बनाई जाती है। बंगाली लोग नए कपड़े पहनते हैं।
बंगाली लोग अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं, दोस्तों के घर जाकर शुभकामनाएं दी जाती हैं। साथ ही रिश्तेदारों को रात्रि भोज के लिए आमंत्रित किया जाता है।