प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। साथ ही बजट में ऐलान की गई पीएम विश्वकर्मा योजना को भी हरी झंडी देते हुए मंजूरी मिल गई है। इस योजना के माध्यम से देश के करीब 30 लाख ऐसे परिवारों को मदद मिलेगी, जो विश्वकर्मा रूपरेखा में पारंपरिक व्यापार कर रहे हैं। मोदी कैबिनेट की बैठक के दौरान लिए गए फैसलों की जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश के समक्ष रखीं।
पीएम 15 अगस्त को भाषण में दे चुके थे विश्वकर्मा योजना के बारे में संकेत
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विश्वकर्मा योजना को मंजूरी प्रदान करते हुए कहा कि यह सबसे बड़ा फैसला है। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को अपने भाषण में इस योजना के बारे में संकेत दिए थे। साथ ही पिछले बजट में इस योजना का ऐलान किया गया था। विश्वकर्मा का अर्थ है कि हमारे कस्बों, ग्रामीण, छोटे शहरों में कई ऐसे वर्ग हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी महत्वपूर्ण स्किल पर काम करते हैं। इनमें सोनार, लोहार और चर्मचार शामिल हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 30 लाख परिवारों को मिलेगी सहायता
वैष्णव ने बताया कि पारंपरिक कौशल रखने वाले लोगों का समर्थन करने के लिए ही प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना लाई गई है और 18 व्यापारों को शामिल किया गया है। योजना के तहत करीब 30 लाख परिवारों को सहायता मिलेगी। योजना के तहत अधिकतम 5 प्रतिशत ब्याज पर पहली बार 1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। दूसरी बार में क्रेडिट स्पोर्ट 2 लाख रुपये का लोन मिलेगा। प्रत्येक परिवार से सिर्फ एक व्यक्ति को ही सहायता मिलेगी। इसके लिए गांवों में कॉमन सर्विस सेंटर पर पंजीकरण करवाना जरूरी है। जांच प्रक्रिया में राज्य सरकारों की मदद ली जाएगी, लेकिन खर्च केंद्र सरकार की तरफ से उठाया जाएगा।
पीएम ई-बस सेवा पर खर्च होंगे 57613 करोड़ रुपये खर्च
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दी गई है। जिसके तहत देशभर में करीब 10000 नई इलैक्ट्रिक बसें उपलब्ध करवाई जाएंगी। इस योजना पर 57613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कुल राशि में से 20000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार की तरफ दे दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि योजना के तहत 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर किया जाएगा। साथ ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर 10000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन किया जाएगा। योजना 10 वर्ष तक बस संचालन का समर्थन करेगी।