Kisan Andolan 2 : संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और किसान मजदूर मोर्चा सहित करीब 26 किसान संगठन 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने जा रहे हैं। ऐसे में देश के खुफिया विभाग और दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने इनपुट दिए हैं कि पंजाब में फिर से किसान एकजुट हो रहे हैं। 13 फरवरी को दिल्ली कूच के लिए बड़े पैमाने पर मुहिम चलाई जा रही है। दिल्ली में वर्ष 2020 जैसा बड़ा आंदोलन हो सकता है। उधर अभी से सीमाओं पर पुलिसकर्मियों की तैनाती शुरू कर दी गई है। खुफिया विभाग को भी अलर्ट कर दिया गया है।
गौरतलब है कि पंजाब के किसान संगठनों का हरियाणा के रास्ते दिल्ली कूच करने के ऐलान के बाद पुलिस अलर्ट पर है। ऐसे में हरियाणा के कई जिलों में ट्रैफिक रूट्स को डायवर्ट भी किया गया है। टिकरी, सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर व एनएच-48 आदि सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। इन सीमाओं पर इस तरह बेरिकैडिंग की जा रही है, ताकि कोई अंदर न घुस सके। वहीं दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय की ओर से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली को अतिरिक्त फोर्स दी जाएगी।
बताया जा रहा है कि सबसे पहले किसानों को पंजाब में ही रोका जाएगा। अगर किसान नहीं रुके तो हरियाणा में रोका जाएगा। इसके बाद भी किसान आगे बढ़ते हैं तो उन्हें दिल्ली की सीमाओं पर ही रोक लिया जाएगा। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, अपराध शाखा, स्पेशल ब्रांच सहित सभी यूनिटों के पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को सुरक्षा में लगाया जाएगा।
थानों से बाहर तैनाती देंगे पुलिस कर्मी, वर्दी में रहने के निर्देश
बताया जा रहा है कि किसानों के दिल्ली कूच को लेकर थानों और कार्यालयों में रहने वाले पुलिस कर्मियों को भी बाहर तैनात किया जाएगा। यूनिटों में काम करने वाले पुलिस कर्मियों को वर्दी में ड्यूटी पर आने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस को सभी सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करने के आदेश दिए गए हैं। बता दें कि पहले सिंघु बॉर्डर पर फ्लाईओवर नहीं था। अब फ्लाईओवर बनने के बाद यहां 3 मार्ग बन गए हैं। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को भी तीन श्रेणियों में बांटना पड़ेगा।
पैरामिलिट्री की 50 कंपनियां हरियाणा में पंजाब और दिल्ली सीमाओं पर पहुंचना शुरू
हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर प्रदेश के आला पुलिस अधिकारियों की बैठक के बाद आगे की रणनीति पर मंथन कर रहे हैं। डीजीपी शत्रुजीत कपूर का कहना है कि केंद्र द्वारा अलॉट की गई पैरामिलिट्री की 50 कंपनियां हरियाणा में पंजाब और दिल्ली सीमाओं पर पहुंचना शुरू हो गई हैं। इसी के साथ हमारी मांग पर केंद्र ने कुछ कंपनियों को स्टैंड बाई में भी रखा है। डीजीपी ने लोगों से अपील की है कि प्रदेश में सभी लोग शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखे। किसी के बहकावे में आकर कानून व्यवस्था को बाधित न करें।
10 हजार ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से हरियाणा में दाखिल होंगे पंजाब के किसान
बताया जा रहा है कि पंजाब के किसान 10 हजार ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर दिल्ली जाने के लिए हरियाणा में दाखिल होंगे। इसके लिए शंभू बॉर्डर, डबवाली और खनौरी बॉर्डर को चुना गया है। वहीं किसानों के दिल्ली कूच को लेकर हरियाणा में किसान नेताओं की धरपकड़ शुरू हो गई है। पुलिस नेताओं को नजरबंद करने के लिए उनके घर दबिश दे रही है। किसान नेताओं के घरों पर चौकसी को बढ़ा दिया गया है। पुलिस किसान नेताओं के घरों में डेरा जमाए हुए है। माना जा रहा है कि दिल्ली कूच से पहले किसान नेताओं को नजरबंद किया जा सकता है।
डीजीपी ने संद्दोपुर बॉर्डर का किया दौरा, घग्गर नदी के अंदर भी खुदाई
हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने अंबाला-चंडीगढ़ रोड पर संद्दोपुर बॉर्डर का दौरा किया है। पंजाब के किसानों को हरियाणा के रास्ते दिल्ली जाने से रोकने के लिए अंबाला में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं पंजाब और हरियाणा के बीच बने शंभू बॉर्डर को सीमेंट की बैरिकेडिंग लगाकर पूरी तरह सील कर दिया गया है। प्रशासन ने घग्गर नदी के ऊपर बने पुल को भी बंद कर दिया है। नदी के अंदर भी खुदाई की जा रही है, ताकि किसान ट्रैक्टरों से नदी के जरिए न निकल सकें।
गुरनाम चढ़ूनी को संदेशे का इंतजार, राकेश टिकैत ने 16 फरवरी को भारत बंद का किया आह्वान
हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के अध्यक्ष गुरनाम चढ़ूनी ने दिल्ली कूच और आंदोलन से किनारा कर लिया है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि दिल्ली कूच का ऐलान सभी संगठनों की राय से नहीं किया गया। जहां इज्जत पर बटा लगता हो, वहां आदमी को जाने से परहेज करना चाहिए। अगर किसान संगठन उन्हें बुलाएंगे तो वह आंदोलन में जरूर शामिल होंगे, लेकिन अभी तक उनके पास ऐसा कोई संदेशा नहीं आया है। यह खुद को स्थापित करने और बड़ा नेता बनाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है।
वहीं नोएडा में वीरवार को हुए किसानों के विरोध मार्च में भाकियू नेता राकेश टिकैत ने किसानों, युवाओं, दिहाड़ी मजदूरों सहित अन्य को प्रभावित करने वाले कई मुद्दों का हवाला देते हुए 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है। टिकैत ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा है कि समाज के सभी वर्गों को एक साथ आना चाहिए। अपनी लंबित मांगों के लिए 16 फरवरी को भारत बंद को सफल बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।
फतेहाबाद से भी दिल्ली की तरफ निकलेंगे हजारों किसान
फतेहाबाद के जाखल क्षेत्र में पंजाब को आने-जाने वाले रास्तों पर नाकाबंदी शुरू कर दी गई है। म्योंद क्षेत्र में चौकी के पास पंजाब की सीमा पर सीमेंट और कंकरीट से बने बड़े-बड़े ब्लॉक्स रख दिए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर इनसे रास्ता को बंद किया जा सके। टोहाना के डीएसपी संजय कुमार ने पूरे क्षेत्र का भ्रमण कर सुरक्षा व्यस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील भी की।
बता दें कि किसानों ने वर्ष 2020 की तरह ही एक बार फिर 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। किसान आंदोलन की तैयारी के लिए किसान जत्थेबंदियां काफी दिनों से तैयारी में जुटी हैं। बीते दिनों फतेहाबाद में 1500 ट्रैक्टरों के साथ हजारों किसानों ने ट्रैक्टर मार्च भी निकाला था। पंजाब से भी करीब 250 जत्थेबंदियों के साथ किसानों ने दिल्ली जाने का ऐलान किया है। पंजाब से आने वाले सभी किसान हरियाणा क्रॉस करके ही आगे जाएंगे।
प्रशासन सिरसा के गांव खैरेकां के पास बड़े-बड़े पत्थरों से रोकेगा मार्ग
हरियाणा के जिला सिरसा के डबवाली रोड स्थित गांव खैरेकां के पास बड़े-बड़े पत्थर मंगवाए गए है। संभावना जताई जा रही है कि किसानों को रोकने के लिए यह पत्थर मार्ग बंद करने के लिए लगाए जाएंगे, ताकि किसान खैरेकां से आगे न बढ़ पाए। इस दौरान किसान नेता लखविंद्र सिंह औलख ने पत्रकारों के साथ बातचीत में बताया कि 9 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री कार्यालय से चिट्ठी आई थी। जिसके चलते उस वक्त आंदोलन को स्थगित किया गया था। अब 13 फरवरी को किसान फिर से दिल्ली कूच करेंगे। दिल्ली कूच को लेकर बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। किसान राशन और लकड़ी एकत्रित कर दिल्ली जाने के लिए तैयार हैं।
किसान नेता लखविंद्र सिंह औलख ने बताया कि कल केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों की ओर से समय मांगा गया है, लेकिन किसान अपनी पूरी तैयारी में है। उन्होंने कहा कि किसानों को दिल्ली जाने से कोई पत्थर नहीं रोक सकते। किसान बंदिशों को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने बताया कि गांवों में धार्मिक स्थलों पर अनाउंसमेंट करने पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है, जो कि गलत है। सरकार अनाउंसमेंट पर प्रतिबंध कैसे लगा सकती है। यह तानाशाही बिल्कुल नहीं चलेगी। गांव-गांव में सरपंचों से कहा जा रहा है कि किसानों को रोको, यह गलत है। इसे सहन नहीं किया जाएगा। किसान हर हाल में दिल्ली कूच करेगा।