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🌹 दिनांक : 14 सितम्बर 2023🌷
🌹 दिन – वीरवार🌷
🌹 विक्रम संवत – 2080🌷
🌹 शक संवत – 1945🌷
🌹 अयन – दक्षिणायन🌷
🌹 ऋतु – शरद🌷
🌹 मास – श्रावण🌷
🌹 पक्ष – कृष्ण पक्ष🌷
🌹 तिथि – अमावस्या🌷
🌹 नक्षत्र – पूर्वी फाल्गुनी🌷
🌹 अमान्ता महीना – श्रावण🌷
🌹 पूर्णिमांत – भाद्रपद🌷
🌹 योग – साध्य🌷
🌹 सूर्योदय – सुबह 6:09 पर🌷
🌹 सूर्यास्त – शाम 6:25 पर🌷
🌹 प्रथम करण – चतुष्पदा🌷
🌹 द्वितीय करण – नागा🌷
🌹 दिशाशूल- पश्चिम🌷
🌹 चंद्रराशि – सिंह🌷
🌹 सूर्यराशि – सिंह🌷
🌹 शुभमुहूर्त – अभिजीत🌷
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🍇पंचांग की जरूरत :
पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ-अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है। पंचांग का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है, इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है।
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🍇नक्षत्र :
आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।
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🍇योग :
नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम – विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
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🍇करण :
एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
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पंचांग क्या है
पंचांग दैनिक ज्योतिषीय कैलेंडर है जो ग्रहों और सूक्ष्म स्थितियों के आधार पर चंद्र दिवस के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। इसमें पाँच विशेषताएँ शामिल हैं- तिथि (द लूनर डे), वार (सप्ताह का दिन), नक्षत्र (चन्द्र मेंशन), योग (चन्द्र-सौर दिवस) और करण (आधा चन्द्र दिवस)। इन पांच विशेषताओं के आधार पर, ज्योतिषी किसी भी नए कार्य या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान को शुरू करने के लिए मुहूर्त या शुभ समय का निर्धारण करते हैं और इसके साथ-साथ अशुभ समय को भी देखते हैं जिससे हर किसी को बचना चाहिए।
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🍇दैनिक पंचांग और उसका महत्व
प्राचीन ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देता है और व्यक्ति को उसके कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। हिन्दू दैनिक पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके उपयोग से व्यक्ति को तिथि, योग और शुभ-अशुभ समयों में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है। जिससे हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकते हैं और अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
ज्योतिषी लोगों को सुझाव देते हैं कि वे अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।
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🍇राशिफल :
🎍मेष राशि : (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
कला या संगीत में रुचि बढ़ सकती है, शैक्षिक कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें, मन परेशान हो सकता है। कारोबार में यात्रा लाभप्रद रहेगी, किसी कार्य को लेकर मन में उतार-चढ़ाव के भाव रहेंगे। भवन के रखरखाव पर खर्च बढ़ सकते हैं, क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा की स्थिति हो सकती है। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा, अनियोजित खर्चों में वृद्धि होगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा।
🎍वृष राशि : (ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
वाणी पर नियंत्रण रखें, कारोबार में यात्रा लाभप्रद रहेगी। परिवार में शान्ति बनाये रखने के प्रयास करें, लाभ के अवसर मिलेंगे, मित्रों का सहयोग मिलेगा। नौकरी और कार्यक्षेत्र में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं, परिश्रम अधिक रहेगा। शैक्षिक कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं। अधिक परिश्रम के बावजूद सफलता संदिग्ध है। आय की स्थिति में सुधार होगा, लंबी यात्रा पर जाना हो सकता है। यात्रा सुखद रहेगी, भाइयों से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं।
मिथुन राशि : (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
मन में शान्ति एवं प्रसन्नता रहेगी, पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा, परन्तु स्वास्थ्य का ध्यान रखें, आय में कमी आ सकती है। नौकरी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेखानादि-बौद्धिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी, आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें, शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी। बातचीत में सन्तुलन बनाकर रखें, व्यर्थ के विवादों से बचकर रहें।
🎍कर्क राशि : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे, डो)
आत्मसंयत रहें, व्यर्थ के क्रोध एवं वाद-विवाद से मन परेशान रहेगा। किसी राजनेता से भेंट हो सकती है, कारोबार का विस्तार होगा। माता-पिता से धन प्राप्त हो सकता है, परिवार की जिम्मेदारी बढ़ सकती है। वाहन के रख-रखाव पर खर्च बढ़ सकते हैं, आत्मविश्वास से लवरेज रहेंगे, परन्तु अति उत्साही होने से बचें। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा, सन्तान को कष्ट होगा। पिता का सानिध्य एवं सहयोग मिलेगा।
🎍सिंह राशि : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
क्रोध के अतिरेक से बचें, बातचीत में सन्तुलित रहें। भवन सुख में वृद्धि हो सकती है, माता-पिता का सानिध्य मिलेगा। परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं, कारोबार में वृद्धि होगी, परन्तु यथानुरूप लाभ नहीं दिखाई देगा। मन में नकारात्मक विचारों का प्रभाव रहेगा, कार्यक्षेत्र की परिस्थितियों में सुधार होगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा, भाइयों के सहयेाग से कारोबार में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। व्यर्थ की चिंताओं से निराशा के भाव रहेंगे।
🎍कन्या राशि : (ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आत्मविश्वास तो बहुत रहेगा, परन्तु संयत रहें। अपनी भावनाओं को वश में रखें, परिवार का साथ मिलेगा। नौकरी में स्थान परिवर्तन की सम्भावना बन रही है, आत्मसंयत रहें। क्रोध के अतिरेक से बचें, किसी मित्र के सहयोग से कारोबार में कुछ नया कर सकते हैं, वाणी में सौम्यता रहेगी। किसी रुके हुए धन की प्राप्ति हो सकती है, जीवनसाथी को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं, लाभ में वृद्धि होगी।
🎍तुला राशि : (र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू, ते)
धैर्यशीलता में कमी आ सकती है, आय में कमी एवं खर्च अधिक की स्थिति हो सकती है। कारोबार में विस्तार के लिए निवेश कर सकते हैं, किसी मित्र से धन की प्राप्ति हो सकती है। मानसिक शान्ति रहेगी, आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। स्वास्थ्य में सुधार आएगा। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा के भाव रहेंगे। धर्म के प्रति श्रद्धाभाव रहेगा, शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे।
🎍वृश्चिक राशि : (तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यि, यू)
आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे, परन्तु उत्साही होने से बचें। मानसिक शान्ति के लिए प्रयास करें, कार्यक्षेत्र में परिश्रम अधिक रहेगा। कारोबार में लाभ के अवसर मिलेंगे। नौकरी में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे, कार्यक्षेत्र में वृद्धि होगी। धन की स्थिति में सुधार होगा, मित्रों से विवाद की स्थिति से बचें। आय में व्यवधान एवं खर्चों में वृद्धि की स्थिति रहेगी, शिक्षा के लिए विदेश यात्रा पर जाना हो सकता है।
🎍धनु राशि : (य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ, भे)
मानसिक शान्ति रहेगी, परन्तु संयत रहे, व्यर्थ के क्रोध एवं झगड़ों से बचें। परिवार का साथ मिलेगा। मान-सम्मान की प्राप्ति होगी, शैक्षिक कार्यों पर ध्यान दें। कठिनाइयां आ सकती हैं। शैक्षिक या बौद्धिक कार्यों में सम्मान की प्राप्ति हो सकती है। किसी मित्र से वस्त्र उपहार में प्राप्त हो सकते हैं। बातचीत में वाणी पर नियंत्रण बनाकर रखें, वाणी में कठोरता का प्रभाव हो सकता है। आय की स्थिति में सुधार होगा।
🎍मकर राशि : (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
मन में आशा-निराशा के भाव रहेंगे, जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पारिवारिक जीवन कष्टमय रहेगा, रहन-सहन अव्यवस्थित रहेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा, पारिवारिक जीवन में शान्ति रहेगी। शैक्षिक कार्यों में परिश्रम अधिक करना होगा, कारोबार में भाइयों का साथ मिल सकता है। स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है, जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। धन की स्थिति में सुधार होगा।
🎍कुम्भ राशि : (गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो, द)
मन में नकारात्मक विचारों से बचें, कला या संगीत के प्रति रुझान बढ़ सकता है। वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है, नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में यात्रा पर जाना हो सकता है, खर्चों की अधिकता रहेगी। सेहत का ध्यान रखें, जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। सन्तान सुख में वृद्धि होगी, वस्त्रों आदि पर खर्च बढ़ सकते हैं। माता का सहयोग मिलेगा, परिश्रम की अधिकता रहेगी, यात्रा के योग हैं।
🎍मीन राशि : (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची)
आत्मसयंत रहें, अपनी भावनाओं को वश में रखें। शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे, कारोबार में वृद्धि होगी। किसी मित्र का सहयोग मिल सकता है, परिवार में सदव्यवहार बनाकर रखें। व्यर्थ के वाद-विवाद से बचने का प्रयास करें, धन की स्थिति मजबूत होगी। आत्मविश्वास में कमी आएगी, घर-परिवार में धार्मिक कार्य होंगे। किसी धार्मिक स्थान की यात्रा पर जाने के कार्यक्रम बन सकते हैं, खर्चों में कमी आएगी।
🎍(पं. दाऊजी महाराज, वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य एवं श्री अवध धाम मंदिर संस्थापक पानीपत) 🎍
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