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🌹 दिनांक : 10 सितम्बर 2023🌷
🌹 दिन – रविवार🌷
🌹 विक्रम संवत – 2080🌷
🌹 शक संवत – 1945🌷
🌹 अयन – दक्षिणायन🌷
🌹 ऋतु – शरद🌷
🌹 मास – श्रावण🌷
🌹 पक्ष – कृष्ण पक्ष🌷
🌹 तिथि – एकादशी🌷
🌹 नक्षत्र – पुनर्वसु🌷
🌹 योग – वरीयान🌷
🌹 सूर्योदय – सुबह 6:03 पर🌷
🌹 सूर्यास्त – शाम 6:33 पर🌷
🌹 प्रथम करण – बालव🌷
🌹 द्वितीय करण – कौलव🌷
🌹 दिशाशूल- पश्चिम🌷
🌹 चंद्रराशि – मिथुन-कर्क🌷
🌹 सूर्यराशि – सिंह🌷
🌹 शुभमुहूर्त – अभिजीत🌷
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🍇पंचांग की जरूरत :
पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ-अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है। पंचांग का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है, इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है।
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🍇नक्षत्र :
आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।
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🍇योग :
नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम – विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
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🍇करण :
एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
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पंचांग क्या है
पंचांग दैनिक ज्योतिषीय कैलेंडर है जो ग्रहों और सूक्ष्म स्थितियों के आधार पर चंद्र दिवस के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। इसमें पाँच विशेषताएँ शामिल हैं- तिथि (द लूनर डे), वार (सप्ताह का दिन), नक्षत्र (चन्द्र मेंशन), योग (चन्द्र-सौर दिवस) और करण (आधा चन्द्र दिवस)। इन पांच विशेषताओं के आधार पर, ज्योतिषी किसी भी नए कार्य या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान को शुरू करने के लिए मुहूर्त या शुभ समय का निर्धारण करते हैं और इसके साथ-साथ अशुभ समय को भी देखते हैं जिससे हर किसी को बचना चाहिए।
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🍇दैनिक पंचांग और उसका महत्व
प्राचीन ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देता है और व्यक्ति को उसके कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। हिन्दू दैनिक पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके उपयोग से व्यक्ति को तिथि, योग और शुभ-अशुभ समयों में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है। जिससे हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकते हैं और अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
ज्योतिषी लोगों को सुझाव देते हैं कि वे अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।
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🍇राशिफल :

🎍मेष राशि : (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

मन शान्त रहेगा, धैर्यशीलता बनाये रखने के प्रयास करें। व्यर्थ के झगड़ों से बचें, माता का सानिध्य मिलेगा, कारोबार में परिश्रम अधिक रहेगा। क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा की मनःस्थिति रहेगी, माता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। रहन-सहन कष्टमय हो सकता है, नौकरी में कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। वाणी में कठोरता का प्रभाव हो सकता है, संचित धन में कमी आ सकती है।

🎍वृष राशि : (ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे, मन परेशान रहेगा। शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी, मित्रों का सहयोग मिलेगा, स्वास्थ्य का ध्यान रखें। क्रोध एवं आवेश की अधिकता रहेगी, किसी मित्र का आगमन हो सकता है। आय के स्रोत विकसित हो सकते हैं, सुस्वादु खानपान में रुचि बढ़ेगी, खर्च अधिक रहेंगे। पारिवारिक जीवन कष्टमय हो सकता है, विदेश यात्रा पर जाना हो सकता है।

🎍मिथुन राशि : (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)

मन शान्त रहेगा, फिर भी धैर्यशीलता बनाये रखनें के प्रयास करें। सन्तान के स्वास्थ का ध्यान रखें, खर्च अधिक रहेंगे। किसी मित्र के सहयोग से नौकरी मिल सकती है, आशा-निराशा के भाव मन में रहेंगे, परन्तु किसी अज्ञात भय से परेशान हो सकते हैं। क्षणे रुष्टा-क्षणे तृष्टा के भाव मन में रहेंगे। शैक्षिक एवं शोधादि कार्यों के सार्थक परिणाम मिलेंगे, अफसरों से मतभेद हो सकते हैं।

🎍कर्क राशि : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे, डो)

आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, मन को शान्त रखने के लिए प्रयास करें। माता-पिता का साथ रहेगा, कारोबार से आय में वृद्धि होगी। स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है, कुटुम्ब के किसी बुजुर्ग से धन की प्राप्ति हो सकती है। किसी अज्ञात भय से परेशान हो सकते हैं, परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान की यात्रा पर जा सकते हैं। खर्च अधिक रहेंगे, सेहत का ध्यान रखें। संबंधों में सुधार आएगा।

🎍सिंह राशि : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

व्यर्थ के वाद-विवाद से बचें, नौकरी में स्थान परिवर्तन के योग बन रहे हैं। वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है, आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे, परन्तु आत्मसंयत रहें, धैर्यशीलता में कमी आ सकती है। पिता का सानिध्य एवं सहयोग मिलेगा, वस्त्रों के प्रति रुझान बढ़ सकता है। नौकरी में कार्यक्षेत्र में परिवर्तन सम्भव है, माता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं, तनाव से बचकर रहें।

🎍कन्या राशि : (ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

संयत रहें, धैर्यशीलता बनाये रखने के प्रयास करें। शैक्षिक कार्यों के लिए किसी दूसरे स्थान पर जा सकते हैं, मित्रों का सहयोग मिल सकता है। स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है, सन्तान के दायित्व की पूर्ति होगी। बातचीत में संयत रहें, वाणी में कठोरता का प्रभाव हो सकता है। कुटुम्ब-परिवार में धार्मिक कार्य होंगे, वस्त्र पर खर्च बढ़ेंगे। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें, कारोबार में कठिनाइयां आ सकती हैं।

🎍तुला राशि : (र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू, ते)

आत्मविश्वास में कमी हो सकती है, क्रोध से बचें, कारोबार के प्रति सचेत रहें। कठिनाइयां आ सकती हैं, मित्रों का सहयोग मिल सकता है। मानसिक शान्ति रहेगी, परन्तु फिर भी आत्मसंयत रहें। क्रोध की अधिकता रहेगी, धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी, वस्त्र उपहार में मिल सकते हैं। कार्यक्षेत्र में प्रतिकूल परिस्थितियां रहेंगी, आय में कमी एवं खर्च अधिक की स्थिति रहेगी। कार्यक्षेत्र में कठिनाइयां आ सकती हैं।

🎍वृश्चिक राशि : (तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यि, यू)

पठन-पाठन में रुचि रहेगी, शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। विदेश गमन हो सकता है, वस्त्रों आदि पर खर्च बढ़ सकते हैं। संयत रहें, क्रोध के अतिरेक से बचें, नौकरी में अफसरों से मतभेद हो सकते हैं। मन में नकारात्मक विचारों का प्रभाव रहेगा, कार्यक्षेत्र में परिश्रम की अधिकता रहेगी। अफसरों से मतभेद हो सकते हैं, स्थान परिवर्तन की सम्भावना भी बन रही है।

🎍धनु राशि : (य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ, भे)

मानसिक शान्ति रहेगी, परिवार में क्रोध एवं वाद-विवाद से बचें। कारोबार पर ध्यान दें, नौकरी में कार्यक्षेत्र में परिवर्तन हो सकता है। क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा की मनःस्थिति रहेगी, आलस्य की अधिकता रहेगी। पारिवारिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं, स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। मित्रों का सहयोग मिलेगा, पारिवारिक जीवन कष्टमय रहेगा, रहन-सहन अव्यवस्थित रहेगा।

🎍मकर राशि : (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

कला या संगीत के प्रति रुझान बढ़ सकता है, बौद्धिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। बौद्धिक कार्यों से आय के साधन बन सकते हैं, मन में नकारात्मक विचारों का प्रभाव हो सकता है। आत्मविश्वास में कमी आएगी, जीवनसाथी को स्वास्थ्य विकार रहेंगे, नौकरी में परिवर्तन हो सकता है। बातचीत में संयत रहें, खर्चों की अधिकता रहेगी, आय में व्यवधान रहेंगे, भाइयों का सहयोग मिलेगा।

🎍कुम्भ राशि : (गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो, द)

संयत रहें, व्यर्थ के क्रोध एवं वाद-विवाद से बचें। नौकरी में कार्यभार में वृद्धि हो सकती है, जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें, माता का साथ रहेगा। क्रोध की अधिकता हो सकती है, वस्त्रों के प्रति रुझान बढ़ेगा। नौकरी में प्रगति के अवसर मिल सकते हैं, वाहन सुख में वृद्धि होगी, लेकिन आत्मसंयत रहें। आय में कमी एवं खर्च अधिक की स्थिति रहेगी, परिवार का साथ मिलेगा।

🎍मीन राशि : (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची)

वाणी में मधुरता रहेगी, परन्तु क्रोध से बचें। परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखें, अनियोजित खर्चों में वृद्धि होगी। किसी रुके हुए धन की प्राप्ति हो सकती है। वाणी में सौम्यता रहेगी, कारोबार में परिश्रम अधिक रहेगा। विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है, सन्तान सुख में वृद्धि होगी। नौकरी में यात्रा पर जाना हो सकता है, कार्यक्षेत्र में व्यवधान आएंगे, यात्रा पर जाना हो सकता है।

🎍(पं. दाऊजी महाराज, वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य एवं श्री अवध धाम मंदिर संस्थापक पानीपत) 🎍
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