➤लंबे समय तक ड्राइविंग करने वालों में घुटने की सूजन और दर्द की समस्या
➤घुटने की मांसपेशियों पर दबाव से होती है पैटेलर टेंडिनोपैथी
➤सही पोजिशन, एक्सरसाइज और नी-सपोर्ट से मिल सकता है बचाव
अगर आप रोजाना दो घंटे या उससे अधिक ड्राइविंग करते हैं, तो आपको एक गंभीर लेकिन नजरअंदाज की जाने वाली स्वास्थ्य समस्या — ड्राइवर नी, या पैटेलर टेंडिनोपैथी — का सामना करना पड़ सकता है। यह स्थिति घुटने की हड्डी पैटेला और टिबिया (घुटने और टखने के बीच की हड्डी) में सूजन के कारण होती है, जो धीरे-धीरे दर्द, जकड़न और चलने में असुविधा का रूप ले सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है जो लंबे समय तक एक ही पोजिशन में बैठकर ड्राइव करते हैं, खासकर यदि उनकी ड्राइविंग पॉश्चर गलत हो। जब ड्राइविंग के दौरान लगातार ब्रेक और क्लच का उपयोग करना पड़ता है, विशेषकर ट्रैफिक में, तो घुटनों पर बार-बार दबाव पड़ता है जिससे टेंडन पर सूजन आ जाती है।
क्या है पैटेलर टेंडिनोपैथी?
यह एक ऐसी मस्क्युलो-स्केलेटल कंडीशन है जिसमें घुटने के आगे वाले हिस्से — विशेषकर पैटेला और उसके नीचे के टेंडन में — लगातार दबाव और खिंचाव के कारण सूजन और दर्द उत्पन्न हो जाता है। इससे मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं और घुटनों की सामान्य कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
लक्षण क्या हैं?
डॉ. सुनील चौधरी के मुताबिक, इस स्थिति के शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं:
- घुटने के नीचे दर्द और सूजन
- दौड़ने, कूदने या सीढ़ियां चढ़ने पर दर्द
- लंबे समय तक बैठने के बाद घुटने में अकड़न
- सुबह उठते समय जकड़न और असहजता
- धीरे-धीरे सामान्य चलना भी मुश्किल हो जाना
यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह समस्या गंभीर रूप धारण कर सकती है, जिससे घुटना मोड़ना तक कठिन हो जाता है।
इलाज क्या है?
पैटेलर टेंडिनोपैथी का इलाज आमतौर पर दर्द कम करने, सूजन कम करने और टेंडन को मजबूत करने पर केंद्रित होता है:
- आराम: कुछ दिन ड्राइविंग से ब्रेक लें
- बर्फ व गर्म सेंक: दर्द और सूजन कम करने के लिए
- पेन किलर दवाएं: डॉक्टर की सलाह से
- फिजियोथेरेपी: क्वाड्रिसेप्स और हैमस्ट्रिंग स्ट्रेचिंग
- नी कैप या स्ट्रेप: सपोर्ट और सुरक्षा के लिए
- स्टेम सेल थेरेपी/सर्जरी: गंभीर या लंबे समय से बनी स्थिति में
- लाइफस्टाइल चेंज: वजन कंट्रोल, पोषक डाइट, एक्सरसाइज
कौन-कौन सी एक्सरसाइज फायदेमंद है?
घुटनों की मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाए रखने के लिए निम्नलिखित एक्सरसाइज मददगार हैं:
- क्वाड्रिसेप्स स्ट्रेच
- हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच
- लेग रेज़
- सॉफ्ट नी बेंड्स
- वॉल सिट्स
- फोम रोलिंग एक्सरसाइज
बचाव कैसे करें?
ड्राइविंग के दौरान इन बातों का ध्यान रखकर इस समस्या से बचा जा सकता है:
- सीट की पोजिशन सही रखें – पैडल्स के बहुत पीछे न बैठें
- घुटनों का एंगल 30 डिग्री से ज्यादा न हो
- हर 45 मिनट में ब्रेक लें – पैरों को स्ट्रेच करें
- क्रूज कंट्रोल का प्रयोग करें (यदि संभव हो)
- नी-सपोर्ट या कुशन का उपयोग करें
- घुटनों को मजबूत बनाने के लिए नियमित स्ट्रेचिंग करें
कॉमन सवाल-जवाब:
सवाल: क्या यह समस्या सिर्फ मैनुअल कार चलाने वालों को होती है?
जवाब: नहीं, ऑटोमेटिक कार चलाने वालों को भी हो सकती है अगर पॉश्चर गलत है और घुटनों पर दबाव ज्यादा पड़ता है। मैनुअल कार में यह समस्या अधिक तेजी से विकसित हो सकती है।
सवाल: क्या यह बीमारी स्थायी हो सकती है?
जवाब: हां, अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो यह क्रॉनिक पेन और ऑस्टियोआर्थराइटिस में बदल सकती है।
सवाल: नी-कुशन या सपोर्ट मदद करते हैं?
जवाब: हां, नी-सपोर्ट से दबाव कम होता है और घुटनों को सहारा मिलता है, जिससे दर्द में राहत मिलती है।
सवाल: क्या ड्राइविंग पूरी तरह बंद करनी चाहिए?
जवाब: जरूरी नहीं, लेकिन दर्द ज्यादा हो तो कुछ दिन आराम करना चाहिए। ड्राइविंग के दौरान पॉश्चर और ब्रेक लेना जरूरी है।