Haryana में हुए लोकसभा चुनाव(Lok Sabha election) के बाद जननायक जनता पार्टी(JJP) के लिए एक सप्ताह के अंदर एक कठिनाई की लहर आई है। सोनीपत से JJP के उम्मीदवार रहे भूपेंद्र मलिक और खरखोदा विधानसभा सीट से जेजेपी उम्मीदवार रहे पूर्व चेयरमैन पवन खरखौदा ने पार्टी को अलविदा कहकर BJP ज्वाइन कर ली हैं। इन दोनों नेताओं ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अगुवाई में भाजपा(BJP) में शामिल हो गए हैं। मतगणना के अगले ही दिन, दोनों नेताओं ने जेजेपी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।
भूपेंद्र सिंह मलिक ने सोनीपत से हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें 7820 वोट मिले थे। वे करीब 540862 वोटों से कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी से हार गए थे। वह पांचवें नंबर पर रहे। बता दें कि भूपेंद्र मलिक इससे पहले कांग्रेस में थे और 2019 में जेजेपी का दामन थामकर विधानसभा चुनाव लड़ा था, जहां वे तीसरे स्थान पर रहे थे। भूपेंद्र मलिक का पैतृक गांव बरोदा विधानसभा में है और वर्तमान में वे परिवार के साथ गोहाना में पार्क रोड पर रहते हैं।
उनके कांग्रेस में रहते समय उनके परिवार के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के परिवार के साथ नजदीकी संबंध थे और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन्हें मार्केट कमेटी गोहाना का चेयरमैन बनाया था। जननायक जनता पार्टी (JJP) को लोकसभा चुनाव में 10 सीटों पर जमानत नहीं मिली। JJP की स्थिति इससे भी बिगड़ी, क्योंकि प्रदेश भर में उनका वोट शेयर बेहद कम रहा, सिर्फ 0.87 प्रतिशत, जो बसपा और इनेलो से भी कम है। यह हाल तब रहा जब हरियाणा में उप मुख्यमंत्री पद जैसे कई बड़े विभाग JJP के पास थे।
पहले से ही JJP में बगावत शुरू
पहले से ही JJP में बगावत शुरू हो गई थी, जब प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके अलावा, JJP की राष्ट्रीय महासचिव और नारनौल नगर परिषद की चेयरपर्सन कमलेश सैनी ने भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद JJP की प्रदेश महासचिव रेखा शाक्य ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया। JJP प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र लेगा ने भी चुनाव से पहले पार्टी को गुड-बाय बोल दिया। फतेहाबाद में पार्टी की प्रदेश महिला सचिव ममता कटारिया सहित अनेक नेता पार्टी को पूर्व में अलविदा कर चुके हैं।