Haryana News : हरियाणा में लोकसभा चुनाव के तहत मतदान के बाद अब मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री सहित भाजपा के शीर्ष नेता और कर्मचारी आमने-सामने आ गए हैं। प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा नेताओं द्वारा कर्मचारियों और अधिकारियों को धमकी देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जिसको लेकर कर्मचारियों में रोष देखने को मिल रहा है। वहीं पेंशन बहाली संघर्ष समिति (पीबीएसएस) के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। साथ ही इसकी शिकायत भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को की गई है।
पीबीएसएस के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल का कहना है कि मनोहर लाल फिलहाल केवल लोकसभा प्रत्याशी हैं, इसके बावजूद वह लगातार प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को धमकी दे रहे हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि था कि वह सरकार में अधिकारियों की मनमानी नहीं चलने देंगे। जिन अधिकारियों ने चुनाव में अपनी मनमानी की है, उनकी लिस्ट तलब कर ली गई है। इस पर 4 जून के बाद फैसला होगा। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि आज तुम्हारा टाइम है, 4 जून के बाद हमारा टाइम आएगा। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि आज तुम्हारा टाइम है, 4 जून के बाद हमारा टाइम आएगा। उन्होंने यह इसलिए कहा कि 4 जून को लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आ जाएगा। इसके बाद सूबे में आचार संहिता हट जाएगी और सरकार सक्रिय हो जाएगी।

इसके अलावा दो दिन पहले हरियाणा के गुरुग्राम में बोगस वोटिंग को लेकर भी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि रोहतक, सिरसा और अन्य जिलों से बोगस वोटिंग के मामले आ रहे हैं। यह काफी गंभीर विषय है, इसलिए हम इसकी जांच करवाएंगे। उन्होंने कहा कि बोगस वोटिंग में शामिल कर्मचारियों को भी सेवा से बाहर किया जाएगा। उनके अलावा बुधवार को रोहतक भाजपा कार्यालय में राज्यसभा सदस्य एवं हरियाणा भाजपा लोकसभा चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक सुभाष बराला ने भी कर्मचरियों को धमकी दी है। उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव के दौरान बोगस मतदान की घटनाओं में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी।

वहीं पीबीएसएस के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल का कहना है कि पूरे राज्य में एक भी बूथ पर कोई शिकायत नहीं आई है। कर्मचारियों, अधिकारियों ने हमेशा ईमानदारी से चुनाव कार्य का निर्वहन किया है। पूर्व मुख्यमंत्री अपनी नाकामियों का ठीकरा कर्मचारियों और अधिकारियों पर फोड़ रहे हैं। विजेंद्र धारीवाल का कहना है कि सरकार याद करें कि पिछले 9 साल से जायज हक की मांग करने पर कर्मचारियों पर लाठियां भांजी गई, आंसू गैस छोड़ी गई। कर्मचारियों ने अपने मुद्दों के लिए मतदान किया तो इनकी बेचैनी आपके बयान और चेहरे पर साफ नजर आ रही है।

वहीं कर्मचारी नेताओं ने 4 जून को होने जा रही मतगणना को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि भाजपा मतगणना से पहले धमकाकर उन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। चुनाव में कर्मचारियों ने भाजपा के किसी प्रकार के दबाव से इनकार किया, इसलिए उन्हें लगातार मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा धमकियां दी जा रही हैं। कर्मचारी इसका विरोध करेंगे। वह जैसे कार्य कर रहे हैं, आगे भी करते रहेंगे।