Haryana में भाजपा के अंदर तीन परिवारों के आमने-सामने आने से वार्तालाप हो रहा है। इन तीन परिवारों में चौधरी देवीलाल, भजनलाल और बंसीलाल(Bansi Lal) के सदस्य शामिल हैं, जो काफी लंबे समय से हरियाणा की राजनीति में प्रभावी रहे हैं। इन परिवारों के सदस्यों का राजनीतिक एकत्रित होना नए संकेतों को जन्म दे रहा है। बंसीलाल(Bansi Lal) की विरासत पर किरण चौधरी(Kiran Chaudhary) के खिलाफ दावेदारी नजर आने लगी हैं। जिसे सीधे तौर पर जनता के सामने पेश किया जा रहा हैं। वहीं इस चिंगारी को कहीं न कहीं जेपी(JP) द्वारा शुरू किया गया था, जो कि अब आग का रूप धारण कर चुकी हैं। अब देखना ये है कि जनता के सामने विधानसभा चुनावों में किसको सामने किया जाने वाला हैं और किसके द्वारा बगावत का बिगुल बजाया जाएगा।
बता दें कि हिसार जिले में चौधरी देवीलाल के परिवार के सदस्यों ने एक दूसरे के खिलाफ चुनावी प्रत्याशी के रूप में प्रतिस्पर्धा की थी। अब इसी तरह, बंसीलाल परिवार के सदस्यों के बीच भी आपसी रंजिशें सामने आ रही हैं। बंसीलाल की बहू, किरण चौधरी, भाजपा में शामिल हो चुकी हैं और वे विधायक भी हैं। इसके पश्चात्, बंसीलाल के पोते अनिरुद्ध चौधरी ने कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में अपनी उम्मीद जताई हैं। इस चयन से, तोशाम से चुनावी प्रतिस्पर्धा में किरण चौधरी और अनिरुद्ध चौधरी के बीच एक दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।

अनिरुद्ध ने इस बारे में कहा कि वे तोशाम में लगभग दो साल से काम कर रहे हैं और उनके दादा, बंसीलाल, भी यहीं से चुनावी प्रतिस्पर्धा करते थे। उन्होंने जताया कि अब जब चाची (किरण चौधरी) ने भाजपा को ज्वाइन कर लिया है, तो वे इस सीट के लिए भाजपा की टिकट के लिए दावेदारी पेश करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि टिकट का फैसला उनकी पार्टी को करना होगा।
सोच-समझकर प्रत्याशियों का चयन
हरियाणा में आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव का आयोजन होने की संभावना है, जिसके लिए चुनाव आयोग ने अक्टूबर-नवंबर में चुनाव करने की तैयारी कर रखी है। इस प्रक्रिया के दौरान, चुनावी प्रत्याशियों के बीच संघर्ष की तैयारी भी तेजी से चल रही है। इस समय में राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों का चयन करने में बहुत सोच समझकर काम किया जा रहा है।

राजनीतिक गतिविधियों को किया तेज
बंसीलाल और चौधरी परिवार के बीच के राजनीतिक विवाद को लेकर जितने भी राजनीतिक गतिविधियां हो रही हैं, वे हरियाणा की राजनीतिक स्थिति में एक बड़ी चुनौती का भी हिस्सा हैं। इस संदर्भ में चौधरी और बंसीलाल के परिवारों के बीच दावेदारी पेश करने वाले अनिरुद्ध चौधरी द्वारा उठाए गए कदम भी राजनीतिक गतिविधियों को और भी तेज कर देते हैं।