हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच BJP को बड़ा झटका लगा है। पूर्व सांसद अशोक तंवर ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में वापसी की। महेंद्रगढ़ में आयोजित रैली में राहुल गांधी ने अशोक तंवर का कांग्रेस में स्वागत किया।
करीब 8 महीने पहले अशोक तंवर ने आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा दिया था। उन्होंने 4 अप्रैल 2022 को AAP जॉइन की थी और 22 महीने बाद पार्टी को अलविदा कह दिया। तंवर ने अपने इस्तीफे का कारण I.N.D.I.A गठबंधन में AAP और कांग्रेस के एक होने को बताया था। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में भाजपा जॉइन की थी, लेकिन अब उन्होंने फिर से कांग्रेस का दामन थाम लिया।
अशोक तंवर ने अपने सियासी करियर की शुरुआत साल 1993 में कांग्रेस से की, जब उनकी उम्र सिर्फ 17 साल थी। वे 2003 में कांग्रेस के छात्र विंग NSUI और 2005 में यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। यूथ कांग्रेस में उन्होंने राहुल गांधी के साथ काम किया और फरवरी 2014 में राहुल गांधी ने ही उन्हें हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया।
हुड्डा से मतभेद और कांग्रेस से इस्तीफा
अशोक तंवर और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच हमेशा से मतभेद रहे। इसी कारण तंवर को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा। 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले टिकट बंटवारे से नाराज होकर तंवर ने 5 अक्टूबर 2019 को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कांग्रेस पर 5 करोड़ रुपये में टिकट बेचने का आरोप लगाया था।
तृणमूल कांग्रेस और AAP का सफर
कांग्रेस छोड़ने के बाद तंवर ने अपना दल बनाया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद वह तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए। सालभर TMC में रहने के बाद उन्होंने अप्रैल 2022 में आम आदमी पार्टी (AAP) का दामन थाम लिया। अब, तंवर ने कांग्रेस में वापसी कर अपने पुराने सियासी घर की ओर रुख किया।