Congress Legislature Party meeting

Haryana में कांग्रेस विधायक दल की बैठक, Governor से मिलकर विधानसभा भंग कराने पर चर्चा

राजनीति हरियाणा

Haryana की राजनीति में लोकसभा चुनाव के बाद काफी बदलाव आए हैं। कांग्रेस(Congress) पार्टी भी अब सक्रिय नजर आने लगी है और भाजपा(BJP) सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर रही है। कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर कांग्रेस विधायकों की बैठक(Party meeting) बुलाई है। इस बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाई जाएगी और साथ ही अल्पमत में चल रही भाजपा सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। बैठक में चर्चा की जाएगी कि किस तरह से राज्यपाल(Governor) से मिलकर विधानसभा भंग करने की मांग की जाए।

बता दें कि अगर राज्यपाल से मिलने का समय नहीं मिलता है तो कांग्रेस जिला मुख्यालयों पर आंदोलन कर सकती है। यह बैठक सोमवार को दोपहर तीन बजे चंडीगढ़ में होगी और इसमें कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान भी शामिल होंगे। हालांकि, दिल्ली में चल रही राजनीतिक गतिविधियों के कारण कांग्रेस सांसदों के शामिल होने की संभावना कम है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के करनाल विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद भी भाजपा के पास बहुमत नहीं है, ऐसा कांग्रेस का दावा है। भाजपा के सहयोगी हलोपा के गोपाल कांडा और निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत के समर्थन के बाद भी भाजपा बहुमत से 1 नंबर दूर है।

Congress Legislature Party meeting - 2

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि भाजपा सरकार अल्पमत में है, इसलिए विधानसभा को भंग कर दिया जाना चाहिए। अगर कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जजपा) और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) एकजुट हो जाते हैं तो सैनी सरकार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

सरकार का बने रहना मुश्किल

कांग्रेस का मानना है कि वर्तमान स्थिति में भाजपा सरकार को बने रहना मुश्किल है। इसलिए, वे विधानसभा को भंग करके नए चुनाव करवाने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस का यह भी कहना है कि राज्यपाल को इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और विधानसभा को भंग करके राज्य में नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए।

Congress Legislature Party meeting - 3

सरकार जनता का विश्वास खो चुकी

कांग्रेस विधायक दल की इस बैठक में भाजपा सरकार के खिलाफ रणनीति बनाई जाएगी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि भाजपा सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है और अब इसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है। कांग्रेस का यह भी मानना है कि विधानसभा भंग होने से राज्य में नए चुनाव होंगे और जनता एक नई सरकार चुन सकेगी।

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