Lok Sabha Elections 2024 : हरियाणा में कांग्रेस के दिग्गजों का लोकसभा की जगह विधानसभा चुनाव में बढ़ रहे रुझान के बीच हाईकमान ने संज्ञान ले लिया है। कांग्रेस हाईकमान का मानना है कि हरियाणा के सभी कदावर नेताओं को पहले लोकसभा चुनाव में उतरना होगा। इस अग्नि परीक्षा से गुजरने के बाद ही विधानसभा चुनाव पर फोकस किया जाएगा। इसी के साथ कांग्रेस हाईकमान ने लोकसभा के प्रत्याशियों की फाइनल संभावित लिस्ट पर मोहर लगा दी है। इस बीच एक बड़ी खबर भी सामने आ रही है। कांग्रेस हरियाणा की चर्चित रोहतक लोकसभा सीट पर दीपेंद्र की बजाय श्वेता हुड्डा पर दांव खेल सकती है।
गौरतलब है कि हरियाणा प्रभारी से मिली रिपोर्ट के आधार पर हाईकमान का मानना है कि भाजपा को टक्कर देने के लिए सभी 9 लोकसभा सीटों पर मजबूत और पुराने चेहरों को उतारा जरूरी है। वहीं कांग्रेस ने हरियाणा में आम आदमी पार्टी से गठबंधन के बाद कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर सुशील गुप्ता को प्रत्याशी के रूप में उतारा है। इसके बाद कांग्रेस मौजूदा स्थिति को देखते हुए शेष 9 सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों पर दांव खेलना चाहती है। वहीं दीपेंद्र हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला राज्यसभा सांसद हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पार्टी की ओर से सीएम का चेहरा हैं। हालांकि पिछली बार वह सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव हार गए थे।
कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्यसभा सांसद होने के चलते दीपेंद्र हुड्डा के स्थान पर कांग्रेस रोहतक सीट से उनकी पत्नी श्वेता हुड्डा को मैदान में उतार सकती हैं। कांग्रेस इस सीट से हुड्डा परिवार के किसी सदस्य को ही चुनाव में उतारना चाहती है, चाहे वह भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, आशा या श्वेता हुड्डा कोई भी हो। इस बात पर निर्णय लेने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जिम्मेदारी लगाई है।
वहीं हिसार से पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह का नाम सूची में सबसे पहले है। वह हाल ही में भाजपा पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में उन्हें हिसार से अपना लोकसभा उम्मीदवार बनाने जा रही है।
उधर करनाल लोकसभा सीट से पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा के बेटे चाणक्य पंडित और घरौंडा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके वीरेंद्र राठौर का नाम सामने आ रहा है। कांग्रेस दोनों में से एक को करनाल सीट पर उतारने जा रही है। वहीं सोनीपत सीट से पूर्व एचसीएस चंद्रप्रकाश जांगड़ा और पदम सिंह दहिया का नाम शामिल है। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर राव दान सिंह और श्रुति चौधरी में से एक नाम पर मुहर लग सकती है। वहीं गुरुग्राम से कैप्टन अजय यादव और फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा का नाम फाइनल माना जा रहा है।
वहीं अंबाला लोकसभा सीट की बात करें तो कांग्रेस के युवा दलित चेहरा प्रदीप नरवाल पर कांग्रेस कार्ड खेल सकती है। माना जाता है कि प्रदीप नरवाल कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री प्रियंका गांधी के नजदीकी माने जाते हैं। उधर सिरसा की सुरक्षित सीट पर कुमारी शैलजा का नाम फाइनल माना जा रहा है, लेकिन कुमारी शैलजा की शर्त है कि अगर रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा चुनाव लड़ेंगे, तभी वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। बता दें कि कुमारी सैलजा पहले भी प्रदेश में कांग्रेस सांसद रह चुकी हैं। इस बार वह लोकसभा चुनाव से किनारा करती नजर आ रही हैं। वह कई बार सार्वजनिक मंचों पर कह चुकी हैं कि वह लोकसभा नहीं, विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं।
कांग्रेस का प्रदेश की 9 सीटों पर मंथन पूरा
गौरतलब है कि इससे पहले हरियाणा कांग्रेस ने 10 सीटों पर चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से आवेदन मांगे थे। जिसके तहत करीब 300 आवेदन आए हैं। पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने 10 सीटों के लिए पैनल तैयार किए थे, लेकिन कुरुक्षेत्र सीट आप को मिलने के बाद अब 9 सीटों पर मंथन किया गया है। स्क्रीनिंग कमेटी में अधिकतर नेता हुड्डा गुट के सदस्य हैं। ऐसे में हुड्डा गुट कतई नहीं चाहेगा कि परीक्षा की इस घड़ी में एसआरके गुट बाहर रहे। इसलिए कुमारी सैलजा का नाम सिरसा लोकसभा के लिए पैनल में रखा गया है।
कांग्रेस का जातीय और सामाजिक समीकरणों पर विचार, भाजपा वेट एंड वॉच की स्थिति में
लोकसभा चुनावों को लेकर करीब एक सप्ताह पहले दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक में हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष उदयभान और कमेटी के अध्यक्ष भक्त चरणदास शामिल हुए थे। बैठक में 9 सीटों पर प्रत्याशी उतारने को लेकर मंथन किया गया। इन सीटों को लेकर जातीय और सामाजिक समीकरणों को लेकर भी विचार किया गया था। उधर हरियाणा की 10 में से 10 लोकसभा सीटों पर एक बार फिर बंपर जीत दर्ज कराने के लिए भाजपा उम्मीदवारों के चयन में फूंक-फूंककर कदम रख रही है। भाजपा प्रदेश की 6 सीटों पर प्रत्याशी उतार चुकी है, लेकिन रोहतक सहित 4 सीटों पर उम्मीदवारों को उतारने से पहले भाजपा वेट एंड वॉच की स्थिति में है।
रोहतक सीट से कांग्रेस नेता रणबीर सिंह हुड्डा बने थे पहले सांसद
गौरतलब है कि जाटलैंड के नाम से पहचान बना चुके रोहतक ने हरियाणा की राजनीति पर हमेशा से असर छोड़ा है। इस सीट पर 1952 से लेकर अब एक सबसे ज्यादा समय हुड्डा परिवार के सदस्य ही सांसद रहे हैं। ऐसे में आगामी चुनाव में 400 सीटें जीतने का दावा कर रही भाजपा रोहतक सीट से अपना मजबूत उम्मीदवार उतारना चाहती है। बता दें कि हरियाणा के अलग प्रदेश बनने से पहले वर्ष 1952 में कांग्रेस नेता रणबीर सिंह हुड्डा रोहतक सीट से पहले सांसद बने थे। रणबीर सिंह हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के पिता और कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा के दादा हैं। वह अविभाजित पंजाब में 10 साल तक रोहतक से सांसद रहे थे।